संभल की पाँच पंचायतें बनीं मोतियाबिंद अंधता मुक्त

मुरादाबाद, अक्टूबर 2025। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में ग्रामीण नेत्र स्वास्थ्य की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल की शुरुआत हुई है। साइटसेवर्स इंडिया ने अपने कॉर्पोरेट पार्टनर चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (चोला) और कार्यान्वयन पार्टनर सी.एल. गुप्ता आई इंस्टीट्यूट के सहयोग से ग्रामीण नेत्र स्वास्थ्य कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में टाला जा सकने वाले अंधेपन को समाप्त करना और नेत्र स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाना है।
इस अवसर पर संभल के जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन किया और एक नि:शुल्क नेत्र शिविर की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि “संभल के लिए यह गर्व का क्षण है कि इतना महत्वपूर्ण कार्यक्रम यहीं से शुरू हो रहा है।” जिलाधिकारी ने साइटसेवर्स इंडिया, चोला और सी.एल. गुप्ता आई इंस्टीट्यूट को इस सामूहिक पहल के लिए धन्यवाद दिया।
पाँच पंचायतें घोषित हुईं मोतियाबिंद अंधता मुक्त
कार्यक्रम की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि जूनावाई ब्लॉक की पाँच ग्राम पंचायतें — रिवारा, झुकेरा, नंदपुर, लावर और देवर कंचन को मोतियाबिंद अंधता मुक्त घोषित किया गया। इन पंचायतों में चिन्हित सभी मरीजों की जांच, उपचार और सर्जरी के बाद अब कोई भी व्यक्ति मोतियाबिंद जनित अंधता से पीड़ित नहीं है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण पाठक ने इस उपलब्धि पर पाँचों पंचायतों के सरपंचों को सम्मानित किया और उन्हें प्रमाणपत्र प्रदान किए।

कार्यक्रम के लक्ष्य और प्रभाव
संभल ग्रामीण नेत्र स्वास्थ्य कार्यक्रम का लक्ष्य अगले पाँच वर्षों में चयनित ब्लॉकों में द्विपक्षीय मोतियाबिंद अंधता की दर को 0.3% तक लाना है। इसके तहत
- 16,750 से अधिक नेत्र जांचें,
- 2,850 मोतियाबिंद सर्जरी
करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
यह पहल ग्रामीण स्तर पर नेत्र शिविरों के आयोजन, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और पंचायत प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण, और सरकारी व निजी संस्थानों के बीच स्थायी साझेदारी पर केंद्रित है।
नेत्र स्वास्थ्य में नए आयाम
साइटसेवर्स इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आर.एन. मोहंती ने कहा —
“संभल की पाँच पंचायतों को मोतियाबिंद अंधता मुक्त घोषित करना ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह साबित करता है कि सामूहिक प्रयासों से टाला जा सकने वाला अंधापन खत्म किया जा सकता है। टिकाऊ, समुदाय-आधारित नेत्र स्वास्थ्य प्रणाली ही इसका दीर्घकालिक समाधान है।”
चोलामंडलम फाइनेंस के कार्यकारी उपाध्यक्ष और हेड-सीएसआर नरेंद्र कुमार एन ने कहा —
“हम साइटसेवर्स इंडिया के साथ साझेदारी पर गर्व महसूस करते हैं। यह जुड़ाव उस साझा दृष्टिकोण पर आधारित है, जो वंचित समुदायों में स्थायी बदलाव लाने और टाले जा सकने वाले अंधेपन को समाप्त करने की दिशा में काम करता है।”
सी.एल. गुप्ता आई इंस्टीट्यूट के प्रवक्ता ने कहा —
“यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हम इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन पार्टनर हैं। मोतियाबिंद अंधता मुक्त पंचायतें हमारे मिशन का मील का पत्थर हैं। हमारा उद्देश्य ऐसा मॉडल बनाना है, जो पूरे देश में दोहराया जा सके और हर समुदाय तक गुणवत्तापूर्ण नेत्र सेवाएं पहुँचा सके।”
ग्रामीण भारत की दृष्टि को नई रोशनी
संभल में शुरू हुआ यह कार्यक्रम न केवल नेत्र स्वास्थ्य की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और ग्रामीण समुदायों के जीवन में नई रोशनी और आत्मनिर्भरता की भावना भी लेकर आया है।
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