पंजाब में भूमि पूलिंग नीति के खिलाफ किसान आंदोलन तेज, 7 को महापंचायत, 11 को बाइक रैली

चंडीगढ़ / पटियाला, 6 अगस्त 2025: पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार द्वारा प्रस्तावित भूमि पूलिंग नीति के विरोध में किसानों का आंदोलन दिन-ब-दिन तेज़ होता जा रहा है। राज्य के कई जिलों में किसान संगठनों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में किसान मोर्चों ने 7 अगस्त को महापंचायत और 11 अगस्त को विशाल बाइक रैली का ऐलान किया है।
AAP सरकार की यह नई नीति राज्य में औद्योगिक और आवासीय विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लाई गई है। इसके तहत किसानों से उनकी ज़मीन अस्थायी रूप से ली जाएगी और विकसित होने के बाद कुछ हिस्सा वापस किया जाएगा, बाकी सरकार के पास रहेगा। हालांकि, किसान संगठनों का आरोप है कि यह नीति भूमि अधिग्रहण की एक नई चाल है और इससे किसानों की ज़मीनें स्थायी रूप से उनसे छीनी जा सकती हैं।
गौरतलब है कि अब इस मुद्दे पर AAP के भीतर से भी विरोध के स्वर उठने लगे हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान के कजिन और पार्टी के कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि किसानों के साथ सीधे संवाद की ज़रूरत है और सरकार को एकतरफा निर्णय नहीं लेना चाहिए।

भारतीय किसान यूनियन (एकता), किसान संघर्ष कमेटी, और पंजाब खेत मजदूर यूनियन जैसे संगठनों ने मिलकर इस नीति को “किसान विरोधी” बताया है। उनका कहना है कि नीति में कानूनी गारंटी, मुआवज़ा संरचना और पुनर्वास योजना अस्पष्ट हैं। आंदोलनकारियों का यह भी आरोप है कि ज़मीन का मूल्य कम आँक कर सरकार उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाना चाहती है।
- 7 अगस्त 2025: राज्यस्तरीय महापंचायत बुलाई गई है, जिसमें सभी जिलों के किसान प्रतिनिधि भाग लेंगे।
- 11 अगस्त 2025: बाइक रैली निकाली जाएगी जो प्रमुख कृषि बेल्टों से होते हुए चंडीगढ़ पहुंचेगी।
राज्य के राजस्व मंत्री ने स्पष्ट किया है कि यह नीति जबर्दस्ती लागू नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा, “यह एक स्वैच्छिक योजना है, और विकास में किसानों को भी बराबर का भागीदार बनाने के लिए तैयार की गई है।” साथ ही, उन्होंने किसानों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है।
प्रदर्शन को देखते हुए पंजाब पुलिस ने संवेदनशील क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया है। प्रशासन ने शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि किसी भी प्रकार की हिंसा या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
भूमि पूलिंग नीति को लेकर पंजाब में उठ रही राजनीतिक और सामाजिक हलचल आने वाले दिनों में और तेज़ हो सकती है। किसान आंदोलन के इस नए दौर ने सरकार के सामने एक बड़ा जनमत और नीति चुनौती खड़ी कर दी है। सरकार यदि जल्द संवाद नहीं करती, तो यह विरोध व्यापक जनआंदोलन का रूप ले सकता है।
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