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कुंभ से देश भर में पर्यावरण संरक्षण की

हरिद्वार कुंभ से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ  देशभर में पर्यावरण संरक्षण की अलख जगाने जा रहा है। विभिन्न प्रातों से संघ कार्यकर्ता जूट के लगभग दस लाख थैले तैयार कर हरिद्वार भेजेंगे। मेला पुलिस की मदद से श्रद्धालुओं को थैले बांटते हुए यह अपील की जाएगी कि कोई भी कचरा गंगा में फेंकने के बजाय इन थैलों में जमा करते हुए निर्धारित स्थान पर फेंके। गंगा घाटों पर संघ कार्यकर्ता श्रद्धालुओं को जागरूक करने के साथ ही यही व्यवस्था अपने घर जाकर भी अमल में लाने के लिए प्रेरित करेंगे। 

कुंभ, अर्धकुंभ के अलावा कांवड़ मेले समेत अन्य स्नान पर्वों पर साल भर लाखों की संख्या में श्रद्धालु समय-समय पर हरिद्वार पहुंचते हैं। हरित कुंभ के तौर पर संपन्न होने जा रहे कुंभ मेले को इस बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पर्यावरण संरक्षण का माध्यम बनाया है। इसके लिए तीन सूत्रीय कार्ययोजना बनाई गई है। कुंभ स्नान को आने वाले श्रद्धालु कोई भी कचरा गंगा में न फेंके, इसके लिए संघ पूरे देश से जूट के दस लाख थैले हरिद्वार भेजेगा।

घाटों पर तैनात संघ के स्वयंसेवी न सिर्फ श्रद्धालुओं को थैले में कचरा डालने की अपील करेंगे, बल्कि मेला प्रशासन की ओर से कचरा डालने के लिए निर्धारित किए गए स्थानों की जानकारी भी देंगे। पॉलिथीन का बहिष्कार करने की अपील भी कार्यकर्ता करेंगे। इस प्रकार संघ हरिद्वार में स्वच्छ कुंभ संपन्न कराने के साथ-साथ श्रद्धालुओं के माध्यम से देश भर में स्वच्छता का संदेश भी भेजेगा।

संघ के पर्यावरण सुरक्षा प्रकोष्ठ के उत्तराखंड प्रांत प्रमुख आरबीएस रावत ने इस बारे में कुंभ मेला आइजी संजय गुंज्याल से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न प्रांतों से जूट के थैले हरिद्वार भेजे जाएंगे। उत्तर भारत के राज्य इसमें बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। शाही स्नान पर्वों से पहले थैले हरिद्वार पहुंच जाएंगे। राजस्थान ने डेढ़ लाख और उत्तर प्रदेश ने दो लाख थैले देने का प्रस्ताव भेजा है। हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात, बिहार जैसे राज्यों से भी लाखों की संख्या में थैले आएंगे।

संघ का प्रयास है कि स्वदेशी थैले विभिन्न स्वयं सहायता समूहों से तैयार कराए जाएं। इससे स्वावलंबन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी यह अहम कदम साबित होगा। 

कुंभ मेला आइजी संजय गुंज्याल ने बताया कि कुंभ में स्वच्छता के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता और मेला पुलिस मिलकर कार्य करेंगे। जूट के थैले बांटते हुए श्रद्धालुओं से यह अपील की जाएगी कि कचरा गंगा या इधर-उधर न फेंके। जूते-चप्पल रखने में भी थैले कारगर साबित होंगे। श्रद्धालुओं को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक भी किया जाएगा। 

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