Uttar Pradesh

डॉ योगिता गौतम हत्याकांड: डॉ विवेक ने दिया था हत्या को अंजाम, पहले गोली और फिर चाकू मारकर की हत्या

कल बुधवार को आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के स्त्री रोग विभाग की पीजी छात्रा डॉक्टर योगिता गौतम की हत्या कर दी गई। कल फतेहाबाद हाईवे पर बमरौली कटारा क्षेत्र में उनका शव मिला।

कल बुधवार को आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के स्त्री रोग विभाग की पीजी छात्रा डॉक्टर योगिता गौतम की हत्या कर दी गई। कल फतेहाबाद हाईवे पर बमरौली कटारा क्षेत्र में उनका शव मिला।

इस घटना के घटित होने से पहले ही डॉक्टर योगिता के भाई डॉक्टर मोहिंदर कुमार गौतम ने एक डॉक्टर पर ही अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। लेकिन पुलिस ने तत्काल कार्यवाही ना करते हुए इंतजार करने को कहा। बुधवार सुबह 9:30 बजे डॉक्टर मोहिंदर थाने पहुंचे। पुलिस को बताया कि बहन का अपहरण हो गया है। सीसीटीवी फुटेज में भी कोई कार वाला बहन को खींचकर ले गया है, लेकिन पुलिस ने उनकी बात नहीं सुनी व एसएन मेडिकल कॉलेज पहुंचे, विभागाध्यक्ष से भी मिले और बताया कि डॉक्टर योगिता लापता हैं।उनकी बहन पिछले दिनों उस टीम में शामिल थे जिसने कोविड-19 महिला मरीज की डिलीवरी कराई थी।

सुबह डौकी में युवती का शव मिला लेकिन पहचान नहीं हो पाई। शव को एम एम गेट क्षेत्र स्थित पोस्टमार्टम हाउस भेजा गया।
आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज की पीजी की छात्रा डॉक्टर योगिता गौतम हत्याकांड का खुलासा हो गया है। हिरासत में लिए गए उरई जालौन के मेडिकल ऑफिसर डॉ विवेक तिवारी ने इस वारदात को अंजाम दिया था। विवेक ने पुलिस को बताया कि योगिता ने उससे शादी करने से मना कर दिया था और इस बात को वह बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था। इसलिए वह मंगलवार को पूरी तैयारी के साथ उरई से उसकी हत्या के इरादे से आगरा आया था।

बुधवार के सुबह 9:30 डौकी के बमरौली कटारा क्षेत्र में एक अज्ञात युवती की बॉडी मिली थी। जिसकी पहचान बाद में नूरी गेट निवासी डॉ योगिता गौतम के रूप में हुई। वह मंगलवार को शाम 7:30 बजे से लापता थी। मंगलवार शाम को उन्होंने दिल्ली में अपने घर में बताया था कि विवेक तिवारी उन्हें धमकी दे रहा है। फोन के दौरान वह बहुत रो रही थी। इस कॉल के बाद उनकी मां आशा गौतम और भाई डॉक्टर कुमार गौतम मंगलवार रात में ही आगरा आ गए थे।  आगरा पुलिस की सूचना पर डॉ विवेक तिवारी को जालौन पुलिस ने रात करीब 8:00 बजे पकड़ लिया था। आगरा पहुंचने पर जब सख्ती से पूछताछ हुई तो उसने वारदात को कुबूल कर लिया।

डॉ विवेक तिवारी ने बताया योगिता द्वारा शादी से इंकार किए जाने के कारण डॉक्टर विवेक ने उस ने आखिरी मुलाकात का मन बनाया और पुलिस को बताया कि वह उरई से पूरी तैयारी के साथ आया था। मंगलवार को दिन में उसने योगिता से कई बार फोन पर बात भी की और बातचीत के दौरान उसने यह कहा कि मैं बस आखरी बार मिलना चाहता हूं। इसके बाद कोई रिश्ता नहीं रहेगा। इस पर योगिता मिलने के लिए तैयार हो गई। वह कार से आया और सीधे नूरी गेट पर योगिता से मिलने पहुंचा। योगिता पैदल ही घर से बाहर आई थी और कार में बैठ गई। दोनों के बीच कार में झगड़ा शुरू हो गया। काफी दूरी तक उन दोनों के बीच खूब गाली गलौज और मारपीट हुई। फतेहाबाद मार्ग पर आते ही उसने योगिता को जोर का घुसा मारा और इसके बाद वह सिर नीचे करके बैठ गई। इसी दौरान पीछे से उसने सिर में गोली मार दी। वह बच न जाए इसलिए उसने चाकू से भी वार किया। उसके बाद बॉडी को बमरौली कटारा में फेंक कर भाग गया।

रात के 10:00 बजे के आसपास जब योगिता की मां ने उसको फोन करना शुरू किया तो वह घबरा गया। बाद में उसने यह कहकर टाल दिया कि योगिता से उसने मुलाकात ही नहीं की वह तो उरई में है। हत्या के बाद वह सीधे उरई लौट आया। रात में ही कार को कानपुर छोड़ा। दूसरे दिन उरई आ गया। पिता की रिवाल्वर किदवई नगर कानपुर स्थित घर में ही छुपाई गई है।

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