दिल्ली पुलिस ने धरनास्थल खाली करने के लिए लगाए नोटिस, किसानों में रोष

दिल्ली पुलिस द्वारा गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की गिरफ्तारी और टिकरी बॉर्डर पर लगाये गए नोटिस के बाद किसानों में रोष बढ़ता जा रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने इन दोनों मामलों को केंद्र सरकार की कार्रवाई बताते हुए कड़ा विरोध जताया है।

इस मामले में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से डॉ. दर्शनपाल ने बयान जारी करते हुए इन कार्रवाई को किसानों को बदनाम करने की साजिश बताया। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह की कार्रवाई से किसान आंदोलन कमजोर होने के बजाय मजबूत होता जाएगा।
संयुक्त किसान मोर्चा के डॉ. दर्शन पाल ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों के संघर्ष को बदनाम करने आये भाजपा के नेता व कार्यकर्ताओं ने किसानों के साथ मारपीट की। पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई करने की बजाय किसानों को ही गिरफ्तार कर लिया। सरकार के किसान विरोधी साजिशों का हम कड़ा विरोध करते है। भाजपा द्वारा किसान आंदोलन को बदनाम करने की रोज कोशिशें की जा रही है। हम इसे सफल नहीं होने देंगे और किसानों का यह संघर्ष जरूर कामयाब होगा।
टिकरी धरने पर दिल्ली पुलिस द्वारा कुछ पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें किसानों से धरनास्थल खाली करने की चेतावनी दी गयी है। इस तरह के पोस्टर अप्रांसगिक है, जहां किसान अपने मौलिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली की सीमा पर दो माह से अधिक समय से किसान धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली की घोषणा के बाद किसानों ने दिल्ली में जिस तरह से उपद्रव किया था उसके बाद कुछ संगठन अलग हो गए थे।
किसान नेता का कहना है कि हम पुलिस के इस कदम का विरोध करते हैं और किसानों से अपील करते हैं कि शांतिपूर्ण विरोध जारी रखें। इस तरह की धमकियां और चेतावनी से किसान आंदोलन को खत्म करने की साजिशों का सख्त विरोध किया जाएगा व इससे किसान संघर्ष ओर मजबूत होगा।
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