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भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मिला गुरुग्राम विश्वविद्यालय और कॉलेज टीचर्स का प्रतिनिधिमंडल

Delegation of Gurugram University and college teachers met Bhupendra Singh Hooda

गुरुग्राम विश्वविद्यालय और ऑल हरियाणा गवर्नमेंट कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मिलने पहुंचे। उन्होंने अपनी मांगों और मुद्दों से संबंधित ज्ञापन हुड्डा को सौंपा। गुरुग्राम विश्वविद्यालय के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि महिला शिक्षकों की कार्यस्थल पर प्रताड़ना हो रही है और आरोपियों पर शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही। कच्चे कर्मचारियों द्वारा उठाई गई समान काम-समान वेतन की मांग को भी कुलपति द्वारा खारिज कर दिया गया। इतना ही नहीं विश्वविद्यालय की भर्तियों में भी जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है और नौकरियां खरीदी-बेची जा रही हैं।

कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन ने हुड्डा बताया कि विश्वविद्यालयों और सरकारी कॉलेजों में शिक्षकों के 3375 पद खाली पड़े हुए हैं। लेकिन सरकार भर्ती करने का नाम नहीं ले रही। ऊपर से टीचर्स को पढ़ाई करवाने से अतिरिक्त गैर-शिक्षण काम थोप दिए जाते हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। उन्होंने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी-2020 की खामियों के बारे में बताया और उसमें संशोधन की मांग की। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि इस सरकार की पदोन्नति प्रक्रिया भी पारदर्शी नहीं है और वेतन में कई तरीके विसंगतियां हैं। टीचर्स ने उनकी सेवानृवत्ति की आयु को 60 साल तक बढ़ाने और पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग भी उठाई है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सभी की मांगों को सुना और कांग्रेस सरकार बनने गंभीरता से विचार करने का भरोसा दिलाया। इस मौके पर हुड्डा ने कहा कि सरकार तय नीति के तहत प्रदेश के सरकारी शिक्षा तंत्र को खत्म कर रही है और तमाम स्कूल, कॉलेज व विश्वविद्यालयों को निजी हाथों में सौंपना चाहती है। इसके चलते शिक्षा महंगी होगी और गरीब, एससी, ओबीसी व किसान के बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाएंगे। यहीं बीजेपी की मंशा है।

बीजेपी सरकार स्कूलों में आधारभूत सुविधाएं तक देने में नाकाम साबित हो रही है। प्रदेश के 131 स्कूलों में पीने के पानी की सुविधा, 236 स्कूलों में बिजली कनेक्शन और 538 स्कूलों में छात्राओं के लिए शौचालय तक नहीं है। प्रदेश के स्कूलों में 8240 अतिरिक्त कमरों की जरूरत है। आलम ये है कि रोहतक के गांधीनगर स्थित 550 बच्चों वाले पीएम श्री स्कूल में कोई कमरा ही नहीं हैं। टीचर्स को पढ़ाई का काम लैब, स्टाफ रूम और बरामदे करवाना पड़ता

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