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 कांग्रेस की मांग: विधवा पेंशन 1500 रुपये करने की अपील

Congress raised the issue of increasing widow pension, Leader of Legislative Party Smt. Aradhana Mishra Mona demanded to increase widow pension to Rs 1500.

आज उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन कांग्रेस की विधानमंडल नेता आराधना मिश्रा मोना ने प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती की वजह से परेशान हो रहे प्रदेशवासियों और खासतौर से किसानों की फसल की समय से बुवाई ना होने का मुद्दा उठाया और इस महत्त्वपूर्ण जनहित के विषय को सदन में चर्चा कराने की मांग की, साथ ही नारी शक्ति के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण विषय विधवा पेंशन का विषय भी श्रीमती आराधना मिश्रा मोना ने विधानसभा में उठाया और शीघ्र ही प्रदेश की विधवाओं की पेंशन भत्ते को बढ़ाकर 1500 रुपए करने की मांग की।

श्रीमती आराधना मिश्रा मोना ने प्रदेश में बिजली की गंभीर समस्या पर बोलते हुए कहा कि प्रदेश में बिजली की स्थिति को लेकर कहानी कुछ और है और बताया कुछ और जा रहा है, सरकार का दावा पूरी तरीके से झूठ का पुलिंदा है , विद्युत व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है, सरकार ने जो खोखले वादे किए थे आज उसकी वजह से प्रदेश के लोग परेशान है, खासतौर से किसान जिसकी फसल बुआई बिजली आपूर्ति न हो पाने के कारण समय से नहीं हो पा रही, सरकार ने और विभाग ने उसका ध्यान क्यों नही रखा, और यह तब जब माननीय अध्यक्ष जी मौसम विभाग ने पहले ही घोषणा की थी कि इस बार बहुत ज्यादा गर्मी होगी और कहीं-कहीं तो 50 डिग्री भी तापमान चला गया उसके बावजूद भी बिजली की आपूर्ति को लेकर सरकार ने समुचित आपूर्ति का प्रबंध सुनिश्चित नही किया।योगी सरकार के पिछले कार्यकाल में बिजली उत्पादन बढ़ाने पर समुचित ध्यान नहीं दिया गया। उसका दुष्परिणाम यह है कि प्रदेश में भीषण गर्मी के दिनों में भीषण कटौती से प्रदेश वासी परेशान रहे और जनता मजबूरन सड़क पर थी।

आराधना मिश्रा मोना ने कहा जब सबसे ज्यादा बिजली की जरुरत थी तब ऊंचाहार, ओबरा और ललितपुर बिजली केंद्र बाधित हो गए जिससे 2200 मेगावाट उत्पादन कम हुआ, बिजली की अघोषित कटौती और लो वोल्टेज की वजह से पूरा प्रदेश परेशान है, आखिर जो अनुमान किए गए थे उसके हिसाब से तैयारी क्यों नहीं की, आज 30 हजार मेगावाट की जरुरत प्रदेश को है लेकिन बिजली विभाग इस मांग को भी पूरा नहीं कर पाया, आज हालात यह है कि ग्रामीण क्षेत्र में ट्रांसफार्मर फुंकने के बाद उसे बदलने में हफ्तों लग जाते हैं कारण यह कि आपका ट्रांसफार्मर रिपेयर केंद्र जिला मुख्यालय पर हैं,इसमें सबसे ज्यादा क्षति किसानों की होती हैं।

मैं आपको अपनी विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देना चाहती हूं कि लालगंज तहसील पर मुख्यालय पर हमने वर्कशॉप बनाई है आज मेरी ही विधानसभा क्षेत्र में ही नहीं बल्कि अगल-बगल की विधानसभाओं की भी वहीं से रिपेयरिंग हो रही है जिससे उपभोक्ताओं को लाभ हो रहा है। मैं चाहूंगी कि यह वितरण और डिसेंट्रलाइजेशन आप पूरे प्रदेश में तहसील स्तर पर कराये।  इसमें सबसे ज्यादा क्षति किसानों की होती हैं।

प्रदेश के बिजलीघर में मात्र 5 हजार मेगावाट उत्पादन ही हो पा रहा है, जबकि जरूरत 30 हजार मेगावाट इस बिजली की कमी का सबसे बड़ा कारण यह है कि सरकार इस विषय को लेकर गंभीर नहीं है आज प्रदेश में सिर्फ थर्मल पावर प्रोडक्शन केंद्र हैं , जब हम नदी का पानी लेते हैं तो हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पर से उत्पादित बिजली क्यों नहीं लेते, यह इस सरकार की अदूरदर्शिता है।

श्रीमती आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि मैं जानना चाहती हूं कि नॉर्दन ग्रिड जिसमे उत्तर प्रदेश भी आता है उसमे सरप्लस बिजली भी है जब वहां सरप्लस बिजली है तो हमने अपनी डिमाण्डे देखकर अपने लिए पर्याप्त बिजली क्यों नहीं खरीदी। क्यों आज आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं अपने प्रदेश में, इसके लिए जिम्मेदार कौन है?

श्रीमती आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि हम सभी चाहते हैं कि प्रदेश के विकास रास्ते पर आगे बढ़े, उद्योग लगे, नौजवानों को रोजगार मिले, भाजपा सरकार और श्री योगी आदित्यनाथ जी भी प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन की बनाने की बात करते हैं, प्रदेश में निवेश को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं , ग्राउंड सेरेमनी हो रही ये सिर्फ़ कागजों में रह जायेगा, जरुरत के सामने बिजली के उत्पादन पर तो बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जा रहा तो ऐसे में निवेश की व्यवहारिकता वहीं पर खत्म हो जाती है और विकास की बात बेईमानी लगती है जब इंडस्ट्री की मांग & ज़रूरतें सरकार पूरी न कर पाए। आज भी बिजली का 85 प्रतिशत बाकी दूसरे राज्यों से आयात करनी पड़ रहा है ।

श्रीमती आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि आज बिजली की किल्लत की वजह से बुंदेलखंड को 24 घंटे के बजाय 20 घंटे बिजली दी जा रही है, राज्य विद्युत नियामक आयोग ने उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन से जवाब मांगा है, पर सरकार उसका जवाब नहीं दे रही है।आखिर इन 9 सालों में भाजपा सरकार की तरफ से बिजली उत्पादन बढ़ाने को लेकर कोई ठोस प्रबंध क्यों नहीं किए गए ?उत्पादन बढ़ाने के लिए नए बिजली घर बनाए जाने चाहिए थे पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया ?और साथ ही वैकल्पिक ऊर्जा को भी बढ़ावा क्यों नहीं दिया गया ?
यदि बिजली में निवेश होता तो प्रदेशवासियों को भी समुचित बिजली मिलती और प्रदेश भी विकास के रास्ते पर आगे जाता ।

श्रीमती आराधना मिश्रा मोना ने प्रदेश की विधवा माताओं की समस्या को उठाते हुए कहा कि हमारी संस्कृति में स्त्री का सर्वोच्च महत्व है। नारी इस समाज की एक आदर्श शिल्पकार है। नारी को साक्षात त्रिदेव का अवतार भी कहा गया है। जीवनदायिनी है इसलिए ब्रहमा है, पालनहार है इसलिए विष्णु है और रक्षक है इसलिए शिव का स्वरूप भी है। अगर एक स्त्री में यशोदा का वात्सल्य है, माता शबरी का प्रेम है तो उसमें दुर्गा का तेज भी है। लेकिन भाजपा सरकार आज भी उस मातृशक्ति के तमाम वर्गों को उपेक्षित रख रही है ,आज इस आधी आबादी के एक विशेष वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हुए इस समाज के अंतिम छोर पर खड़ी उस बेबस महिला स्त्री जो असमय विधवा हो जा रही है सरकार उनका संज्ञान नहीं ले रही है। महंगाई आज आसमान छू रही है। आज फल और ड्राई फूट तो छोड़ दीजिए सब्जी रोटी और न मक भी थाली से गायब है, मैं यह भी याद दिलाना चाहती हूं कि अपने पिछले संकल्प पत्र में भाजपा ने इसे बढ़ाकर 1500 निर्धारित करने की घोषणा की थी। लेकिन अभी तक सिर्फ 1000 हजार ही मिल रहा है आखिर इतनी मंहगाई में एक विधवा कैसे अपने बच्चों का पालन पोषण करें। प्रश्न पूछते हुए श्रीमती मोना ने कहा कि सरकार घोषणा के बावजूद इसको क्यों नहीं बढ़ा रही है, अपने संकल्प पत्र के इस घोषणा को कब लागू करेगी ? हमारी मांग है कि शीघ्र इसे बढ़ाकर 1500 रुपए किया जाए ।

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