भाजपा सरकार द्वारा बेचने का शुरू किया अभियान अब उत्तर प्रदेश की बिजली कंपनियों तक
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आजादी के बाद पंडित जवाहर लाल नेहरू जी से लेकर सभी कांग्रेस सरकारों द्वारा देश हित में बनाए गए सभी सरकारी उपक्रमों को (हवाई अड्डे, पोर्ट, रेलवे, जंगल, खनिज) आदि को भाजपा सरकार द्वारा बेचने का शुरू किया अभियान अब उत्तर प्रदेश की बिजली कंपनियों तक आ पहुंचा है। पंडित जवाहर लाल नेहरू जी ने आजादी के बाद यह तमाम उपक्रम इसलिए बनाये थे कि यह उपक्रम देश की जनता की पूंजी होगी और इनके माध्यम से जनता को सुरक्षित रोजगार प्राप्त होगा। लेकिन उसके विपरीत भाजपा एक के बाद एक जनता के पैसों से बने सरकारी उपक्रमों को पूंजीपतियों को सौंपती जा रही हैं। भाजपा की पूर्व सरकारों ने भी नवरत्न कंपनियों को भेजा था वही काम आज भी जारी है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग के चेयरमैन पूर्व मंत्री डॉ0सी0पी0 राय ने कहा है कि सरकार की जिम्मेदारी थी कि वह सक्षम तरीके से सरकार चलाती, सभी संस्थाओं को व्यवस्थित करती, नये बिजली घर खोलती तथा बिजली की व्यवस्था को मजबूत करती और यदि उसमें कोई कमी है तो उसे दूर करने का प्रयास करती लेकिन सरकार पूरी तरह से अयोग्य, नाकाम और नकारा साबित हो चुकी है। परिणाम स्वरूप जनता के करोड़ों रूपये के बिजली के संयत्र और दफ्तर पूंजीपतियों को देने की साजिश कर रही जो कि जनता से साथ सरासर धोखा है।
डॉ0 राय ने कहा है कि सरकार स्पष्ट करे कि प्रदेश की जनता से बिजली के मूल्य तथा फिक्स चार्ज रूप में वसूला गया धन कहां जा रहा है और बिजली कंपनियां क्यों घाटे में चल रही हैं? निजीकरण हमेशा जनहित और गरीब विरोधी विरोधी होता है, जिसको जनता बर्दाश्त नहीं करेगी।
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