महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों में बेतहाशा वृद्धि हुई है, आए दिन अपराधी हत्या, बलात्कार, एसिड अटैक जैसी जघन्य घटनाओं को बेखौफ होकर अंजाम दे रहे हैं। जिससे महिलाओं का घर से निकलना दूभर हो गया है।
महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए मोदी सरकार के पास काई भी व्यवस्था नहीं है। महिला अपराध को रोक पाने में भाजपा सरकार पूरी तरह से फेल साबित हो गई है। आपको याद होगा कि अभी पिछले कुछ दिनों पहले लखनऊ के चौक इलाके में एक बच्ची पर एसिड अटैक की घटना हुई थी। मध्यप्रदेश में दो महिलाओं को अपराधियों के द्वारा दफन करने की कोशिश की गई लेकिन भाजपा सरकार चुप्पी साधे बैठी रही। पीड़ित महिलाएं अगर कार्यवाही करने की कोशिश करती हैं तो कहीं भी उनकी कोई सुनवाई नहीं होती है। उक्त बाते उ0प्र0 महिला कांग्रेस कमेटी मध्यजोन की अध्यक्ष श्रीमती ममता चौधरी ने आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर आयोजित प्रेसवार्ता में कहीं।
ममता चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा संसद में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण कानून पारित किया गया जिसमें पिछड़े वर्ग की महिलाओं की अपेक्षा की गई और तो और जो आरक्षण पारित भी किया गया है उसे अभी तक लागू भी नहीं किया गया। मोदी सरकार का महिलाओं के प्रति यह रवैया उनकी महिला विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
श्रीमती ममता चौधरी ने कहा कि आगामी 29 जुलाई 2024 को अखिल भारतीय महिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष श्रीमती अल्का लांबा जी के नेतृत्व में राजधानी दिल्ली के जंतर मन्तर पर प्रदेश के कोने-कोने से आई महिलाएं अपनी निम्नलिखित 3 बड़ी महत्वपूर्ण मांगों को लेकर एक राष्ट्र व्यापी आंदोलन की शुरूआत करेंगी।
1. महिलाओं के राजनीतिक सशक्तिकरण और भागीदारी के तहत महिला आरक्षण क़ानून को तुरंत लागू किए जाना है और इसमें अति पिछड़े वर्ग कि हमारी पिछड़े वर्ग की बहनों को आरक्षण और उनकी भागीदारी को सुनिश्चित कराने की है।
2. आर्थिक सशक्तिकरण के तहत देश की आधी आबादी जो आज बढ़ती महँगाई और बेरोज़गारी से लड़ रही है, उसे राहत देने के लिए नारी न्याय के तहत महालक्ष्मी योजना के अनुसार हर ग़रीब परिवार की एक महिला को सालाना 1 लाख रुपया या हर महीने 8 हज़ार 5०० रूपये की आर्थिक सहायता सीधा उनके बैंक खातों में दिये जाने की हम माँग करते है।
3. ‘‘सामाजिक न्याय और सुरक्षा का अधिकार’’
श्रीमती ममता चौधरी ने कहा कि लगातार महिलाओं के विरुद्ध अपराध में बढ़ोतरी देखी जा रही है और अपराधियों में क़ानून का डर ख़त्म होता जा रहा है, इसका ताज़ा उदाहरण मध्य प्रदेश के रीवा में दो महिलाओं को दबंगों द्वारा ज़िंदा गाढ़े जाने की घटना ने देश को शर्मसार किया है।
नई मुंबई में 30 साल की महिला का सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या हो, महाराष्ट्र के ठाणे ज़िले में नौ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या का मामला हो, राजस्थान में 6 महीने में महिला अपराध के 20 हजार मामले संज्ञान में आए हैं।
मोदी सरकार द्वारा पेश किये गये बजट में उम्मीद की जा रही थी कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला पुलिस भर्ती और सक्रिय महिला थानों के लिए बात की जायेगी मगर बजट में ऐसा भी कुछ भी देखने और सुनने को नहीं मिला पेश किये गये बजट में महिलाओं की पूरी तरह से अनदेखी की गई है।
श्रीमती ममता चौधरी ने कहा कि यह आंदोलन भारत की राजधानी दिल्ली से होते हुए प्रत्येक राज्य की राजधानी, हर बड़े शहर और ज़िलों तक में तब तक जारी रहेगा जब तक आधी आबादी की माँगो को सरकार द्वारा पूरा नहीं कर दिया जाता तथा महिलाओं को उनके हक़-अधिकार और सुरक्षा नहीं दे दी जाती । अंत में ममता चौधरी ने कहा कि यह आंदोलन “न्याय का हक़ मिलने तक” यूँ ही जारी रहेगा।
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