Summer Health Tips: गर्मी में बच्चों का रखें खास ख्याल, हो सकते हैं बीमार
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लखनऊः राजधानी लखनऊ समेत पूरे सूबे में गर्मी के मौसम ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। खास कर दोपहर को घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। ऐसे मौसम में जरा सी लापरवाही बरतने पर बड़े हों या बच्चे, किसी को भी बीमार कर सकती है। खासकर बच्चे गर्मी के मौसम में जल्दी शिकार होते हैं इसलिए उनका इस मौसम में ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। ऐसे में बच्चों को गर्मी के मौसम में बीमारी से बचाने के उपायों के बारे में इंडिया पब्लिक खबर के संवाददाता पवन सिंह चैहान ने केजीएमयू व पीजीआई की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सारिका और डॉ. पियाली भट्टाचार्या से विशेष बातचीत की।
बच्चों को ठंडा पानी पीने की जिद करती है बीमार
केजीएमयू की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सारिका ने बताया कि तपती धूप और पसीने से भीगा हुआ बच्चा जब स्कूल से घर पहुंचता है, तो घर पर आते ही फ्रिज की ओर भागता है। ठंडा पानी पीने की जिद उसे बीमार कर सकती है। ऐसे ही बच्चा शाम को खेलते समय ठंडे पानी पी ले, तो उसके बीमार पड़ने का खतरा ज्यादा होता है। गर्मी में बच्चों को हाइड्रेट रखना चाहिए व बासी खाना देने से बचना चाहिए। इसके साथ ही कोई भी समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
गर्मी के मौसम में बच्चों में अक्सर डायरिया के साथ ही जितने भी बैक्टीरियल इंफेक्शन वाली बीमारियां हैं, देखने को मिलती है। गर्मी से बचाव के साथ ही अगर साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जाएगा तो बच्चा जल्दी डायरिया या स्किन की समस्या से बीमार हो सकता है। बाहर के खाने से बचना चाहिए क्योंकि बाहर का खाना या होटल का खाना कब का बना हुआ है और कितनी बार गर्म किया जा चुका है, इसके बारे में कुछ मालूम नहीं होता। ऐसे खाने का सेवन बच्चों के साथ बड़ों को भी बीमार बना सकता है। डॉ. सारिका के अनुसार ऐसे मौसम में बच्चों को मौसमी फल खाने के लिए अवश्य देना चाहिए।
गर्मी के मौसम में इन चीजों का करें इस्तेमाल
जैसे- तरबूज, खरबूज, आम का पना, सत्तू जैसी हल्की चीजों का सेवन करना गर्मी के मौसम से अच्छा रहता है। पीजीआई की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पियाली भट्टाचार्य ने बताया कि गर्मी के मौसम में बच्चों को खासतौर पर बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से पेट की समस्या ज्यादा हो सकती है। जिससे डिहाइड्रेशन, डायरिया और कमजोरी जैसी समस्या उन्हें घेर सकती है। इस मौसम में बच्चों के स्कूलों की छुट्टी होती है। जिससे वह दोपहर को खेलने के लिए घर से बाहर जाते हैं और पसीने से लथपथ होने के बाद ठंडा पानी पी लेते हैं, जिससे उनके गले खराब हो जाते हैं।
सर्दी-गर्मी की वजह से बुखार उनको जकड़ लेता है। बाहर से आते ही नहीं, बल्कि शरीर का तापमान सामान्य होने के बाद पानी पीने के लिए देना चाहिए। अधिकतर अभिभावक बच्चों को लेकर शाम को बाजार घूमने निकलते हैं तो बाहर बिकने वाले ठंडे पेय पदार्थ और खाने की चीजे बच्चों को दिलाते हैं, जो बच्चों की सेहत बिगाड़ सकते हैं। ऐसे में बच्चे को दस्त लगना, ज्वाइंडिस, वायरल और डायरिया जैसी बीमारियों ग्रसित होने के खतरे बढ़ जाते हैं। डॉ. पियाली के मुताबिक, मौसम में बदलाव से वैसे तो सभी परेशान होते हैं, लेकिन बच्चों में इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है।
बचाव के उपाय
– बाहर से पसीने में लथपथ लौटकर घर आते ही बच्चों को तुरंत कुछ भी ठंडा खाने या पीने के लिए देने से बचना चाहिए।
– बाहर बाजार से वस्तुएं मंगाकर या होटल रेस्त्रां में खाने से बचना चाहिए।
– गर्मी के दिनों में आने वाले फलों का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए।
– ज्यादा देर तक एसी में बैठे रहने के बाद एकदम से बाहर गर्मी में जाने से बचना चाहिए।
– पेय पदार्थ जैसे- नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ आदि का समय-समय पर सेवन करते रहना बेहतर उपाय है।
– तेज धूप में बच्चों को बाहर खेलने से रोकना चाहिए।
– कोई समस्या होने पर खुद कोई इलाज न करें और न ही कोई दवा खासतौर पर एंटीबायोटिक न दें।
– बच्चों में दस्त, बुखार, स्किन इंफेक्शन दिखाई दे, तो डॉक्टर की सलाह पर ही इलाज करें।
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