भगवान ओंकारेश्वर और ममलेश्वर का हुआ जलाभिषेक: चंद्रग्रहण के बाद तीर्थनगरी में श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
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ग्रहण खत्म होने पर स्नान, पूजन के बाद मंदिर के कपाट खोले गए। भक्तों ने भोले बाबा के दर्शन किए। श्रद्धालुओं ने नर्मदा में आस्था की डुबकी लगाई और चंद्रग्रहण का मोक्ष संपन्न हुआ। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण के दौरान मंदिर के कपाट बंद रहते है। भगवान के दर्शन–पूजन पर प्रतिबंध रहता है।
भारत में इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण देखा गया। जिसकी शुरुआत रात 1.05 बजे से हुई और 2. 23 बजे तक पर खत्म हुआ। इस दौरान देशभर के लगभग सभी मंदिरों में कपाट बंद रहे। ग्रहण खत्म होने के बाद खंडवा जिले की तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में भगवान ओंकारेश्वर और ममलेश्वर का जलाभिषेक किया गया।
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