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जी-20 शिखर बैठक की मेजबानी करेगा भारत, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सचिवालय बनाने के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने दी मंजूरी

भारत अगले साल जी-20 शिखर बैठक की मेजबानी करेगा। इससे पहले एक साल तक यह इस प्रतिष्ठित समूह का अध्यक्ष रहेगा। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। भारत की अध्यक्षता के दौरान जरूरी व्यवस्था को देखने के लिए सचिवालय बनाने के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान जी-20 सचिवालय और इसका रिपोर्टिग ढांचा बनाने को हरी झंडी दी गई। भारत एक दिसंबर, 2022 से 30 नवंबर, 2023 तक इस प्रतिष्ठित समूह की अध्यक्षता करेगा।

सचिवालय के अधीन होंगे सभी कामकाज

सरकारी बयान के अनुसार, जी-20 सचिवालय भारत की अध्यक्षता को लेकर संपूर्ण नीतिगत निर्णयों एवं व्यवस्थाओं को लागू करने के लिए जवाबदेह होगा। इसमें कहा गया है, जी-20 सचिवालय की स्थापना इस समूह की भारत की अध्यक्षता के संबंध में जानकारी, सामग्री, तकनीकी, मीडिया, सुरक्षा एवं नीतिगत पहलुओं की देखरेख के लिए की जा रही है। इस सचिवालय में विदेश मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और अन्य विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा। इसके अलावा सचिवालय में विषय से जुड़े विशेषज्ञों को भी रखा जाएगा। सरकार ने कहा कि यह सचिवालय फरवरी 2024 तक काम करेगा।

दिसंबर 2022 में भारत को मिलेगी अध्यक्षता

उल्लेखनीय है कि इटली ने 2021 में जी-20 की अध्यक्षता की थी। नवंबर 2022 तक इंडोनेशिया इसका अध्यक्ष रहेगा। जी-20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है, जो वैश्विक आर्थिक नीतियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जी-20 का मतलब ग्रुप-20 से है। यह दुनिया के 19 शक्तिशाली देशों और यूरोपियन यूनियन (यूरोप के देशों का समूह) का समूह है। इस ग्रुप की स्थापना साल 1999 में हुई थी। यह ग्रुप विश्व की 85 फीसदी अर्थव्यवस्था और 75 फीसदी वैश्विक व्यापार को नियंत्रित करता है। अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, आस्ट्रेलिया, जर्मनी, चीन, भारत, रूस जैसे देश हर साल जी-20 समिट में मिलते हैं और विश्व के आर्थिक हालात पर चर्चा करते हैं।

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