Uttar Pradesh

नहीं लगाने पड़ेगें समितियों के चक्कर, बिचौलियों के चंगुल से मिलेगी मुक्ति|

प्रदेश का गन्ना विकास विभाग मा. मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व एवं गन्ना मंत्री, सुरेश राणा के मार्गदर्शन में डिजिटल इण्डिया के स्वप्न को साकार करने की दिशा में सार्थक प्रयास कर रहा है। गन्ना विभाग द्वारा किये जा रहे इन्हीं प्रयासों की कड़ी में एक और नया अध्याय जुड़ने जा रहा है।
इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी, संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश की सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियाँ, गन्ना किसानों की एक पंजीकृत संस्था हैं और गन्ना उत्पादक कृषक नियमानुसार विधिक सदस्यता प्र्राप्त करने के उपरांत ही गन्ना एवं चीनी मिल समितियों के माध्यम से चीनी मिलों को गन्ना आपूर्ति कर सकते हैं। समिति सदस्यता की जटिल प्रक्रिया को सरलीकृत करने एवं कृषकों की सुविधाओं के दृष्टिगत ई.आर.पी. की पारदर्शी एवं त्वरित निष्पादन व्यवस्थान्तर्गत किसानों को ऑनलाइन समिति सदस्यता प्रदान कराये जाने का निर्णय लिया गया है।
गन्ना आयुक्त ने बताया कि नये किसानों को ऑनलाइन सदस्यता प्रदान करने के सम्बन्ध में विभागीय अधिकारियों के लिए ऑनलाइन सदस्यता हेतु पंजीकरण, कृषकों के अभिलेखों की जांच एवं सदस्यता प्रदान करने सम्बन्धी विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये जा चुके हैं। कृषकों को वेबसाइट मदुनपतलण्बंदमनचण्पद पर विजिट करके ।बजपवद नाम के ऑप्शन पर ‘छमू डमउइमतेीपचश् नामक विकल्प पर सदस्यता हेतु आवेदन करना होगा तथा अपनी नवीनतम फोटो, बैंक की पासबुक, राजस्व खतौनी, फोटो पहचान पत्र एवं घोषणा-पत्र वेबसाईट पर सफलतापूर्वक अपलोड करने के पश्चात एक्नॉलेजमेन्ट फार्म प्राप्त होगा जिसका प्रिंट आउट लेकर 04 दिवस के अन्दर कृषक को समिति में एकनॉलेजमेंट रसीद दिखाकर निर्धारित सदस्यता शुल्क रूपये दो सौ इक्कीस मात्र जमाकर, कम्प्यूटर जनरेटेड रसीद प्राप्त कर सकेंगे।
उन्होंने बताया कि कृषक का आवेदन स्वीकृत अथवा अस्वीकृत होने की स्थिति में इसकी सूचना एस.एम.एस. द्वारा संबंधित कृषक के पंजीकृत मोबाइल नम्बर पर प्रेषित कर दी जाएगी तथा सदस्यता प्राप्त होने पर कृषक को एक सप्ताह के अन्दर अंश प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा।
यह भी बताया कि गन्ना एवं चीनी मिल समितियों में सदस्यता हेतु अब तक मैनुअल प्रक्रिया अपनाई जा रही थी, जिसमें कृषक के राजस्व व गन्ना क्षेत्रफल संबंधी अभिलेखों को जमा करने से लेकर स्थलीय सत्यापन एवं औपचारिक सदस्यता प्रदान करने तक एक वृहद प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था तथा सामान्य गन्ना कृषक, सदस्यता की जटिल प्रक्रिया के कारण बिचौलियों के चंगुल में फंस जाता है। गन्ना समितियों की सदस्यता ऑनलाइन होने से विभागीय कार्मिकों एवं बिचौलियों पर किसानों की निर्भरता समाप्त होगी तथा किसानों को घर बैठे समिति की सदस्यता मिलेगी एवं उनके धन तथा समय की बचत होगी।

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