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भारत जल्दबाजी में कोई व्यापार समझौता नहीं करेगा — पीयूष गोयल का बड़ा बयान

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि भारत किसी भी अंतरराष्ट्रीय व्यापार समझौते पर जल्दबाजी में हस्ताक्षर नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि देश की प्राथमिकता अल्पकालिक लाभ नहीं बल्कि दीर्घकालिक और भरोसेमंद साझेदारी बनाना है, जिससे भारतीय उद्योग, किसानों और श्रमिकों के हित सुरक्षित रह सकें।

गोयल ने कहा कि भारत सरकार इस समय कई देशों के साथ व्यापार वार्ताएं कर रही है, जिनमें अमेरिका, यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया प्रमुख हैं। हालांकि, उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि भारत किसी भी दबाव या जल्दबाजी में समझौता नहीं करेगा। “हमारा लक्ष्य ऐसा व्यापारिक माहौल तैयार करना है जो भारत के लिए आने वाले वर्षों में स्थायी विकास का आधार बने,” मंत्री ने कहा।

उन्होंने यह भी जोड़ा कि हर समझौते से पहले भारत उसके सभी पहलुओं का गहन अध्ययन कर रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारतीय व्यापार और रोजगार पर उसका सकारात्मक प्रभाव पड़े। “हम किसी समझौते में तभी शामिल होंगे जब वह विन-विन सिचुएशन प्रदान करे और हमारे दीर्घकालिक राष्ट्रीय हितों के अनुरूप हो,” उन्होंने कहा।

गोयल ने यह भी बताया कि भारत वैश्विक मंचों पर अब पहले से अधिक मजबूत स्थिति में है और कोई भी साझेदारी अब समानता और आपसी सम्मान के आधार पर की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की आर्थिक नीति “आत्मनिर्भर भारत” के सिद्धांत पर केंद्रित है, और यही सोच हमारे सभी अंतरराष्ट्रीय आर्थिक निर्णयों की नींव है।

व्यापार विशेषज्ञों का मानना है कि गोयल का यह बयान भारत की व्यापारिक रणनीति की स्पष्ट दिशा दर्शाता है। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह संदेश जाता है कि भारत अब किसी भी समझौते में जल्दबाजी नहीं करेगा, बल्कि अपने हितों और भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखकर ही कदम उठाएगा।

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