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निर्देशक माइकल चावेस ने बताया कैसे “द कॉन्ज्यूरिंग: लास्ट राइट्स” को बनाया जीवन्त

मुंबई, अगस्त 2025: हॉलीवुड की सबसे सफल हॉरर फ्रेंचाइज़ में से एक कॉन्ज्यूरिंग यूनिवर्स का नया अध्याय जल्द ही बड़े पर्दे पर दस्तक देने वाला है। न्यू लाइन सिनेमा लेकर आ रहा है “द कॉन्ज्यूरिंग: लास्ट राइट्स”, जिसे निर्देशित किया है फ्रेंचाइज़ के अनुभवी निर्देशक माइकल चावेस ने। फिल्म का निर्माण जेम्स वान और पीटर सफ्रान ने किया है।

करीब 2 बिलियन डॉलर की कमाई कर चुकी इस सिनेमैटिक यूनिवर्स की यह नौवीं फिल्म है, जिसमें एक बार फिर दर्शकों को डर और सस्पेंस से भरपूर कहानी देखने को मिलेगी।

फिल्म में वीरा फ़ार्मिगा और पैट्रिक विल्सन लौट रहे हैं, अपने मशहूर किरदारों — पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर्स एड और लोरेन वॉरेन के रूप में। यह उनका आखिरी केस होगा। इनके साथ मिया टॉमलिन्सन और बेन हार्डी भी नज़र आएंगे, जो वॉरेन दंपत्ति की बेटी जुडी वॉरेन और उसके बॉयफ्रेंड का किरदार निभा रहे हैं।

निर्देशक माइकल चावेस ने बताया कि फिल्म की कहानी असल घटनाओं पर आधारित स्मर्ल केस से ली गई है। यह केस अमेरिका के पेनसिल्वेनिया राज्य के वेस्ट पिट्सटन इलाके में 1980 से 1990 के दशक तक चलता रहा। इसमें तीन पीढ़ियाँ एक ही घर में रह रही थीं और उन्हें लगातार पैरानॉर्मल घटनाओं का सामना करना पड़ा।

चावेस कहते हैं, “स्मर्ल परिवार के अजीब अनुभव उनकी बेटी के कन्फ़र्मेशन वाले दिन शुरू हुए। शुरुआत में यह मामूली हादसे लगे, लेकिन समय के साथ घटनाएँ इतनी बढ़ गईं कि इन्हें अनदेखा करना नामुमकिन हो गया। इसी दौरान वॉरेन दंपत्ति भी दोबारा इस केस में खिंच आते हैं, जबकि वे लगभग रिटायर हो चुके थे।”

फिल्म की कहानी वॉरेन परिवार की निजी जद्दोजहद और उनके आखिरी केस के खतरनाक अंजाम के इर्द-गिर्द घूमती है।

न्यू लाइन सिनेमा प्रस्तुत कर रहा है “द कॉन्ज्यूरिंग: लास्ट राइट्स” (A Safran Company / An Atomic Monster Production)। भारत में इसे वार्नर ब्रदर्स पिक्चर्स रिलीज़ करेगी। यह फिल्म केवल थिएटर्स और आईमैक्स में 5 सितंबर 2025 को रिलीज़ होगी।

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