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स्कूल पेयरिंग योजना के खिलाफ लखनऊ में AAP का जोरदार प्रदर्शन

सरकारी स्कूलों की पहचान खत्म करने की साजिश’, पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल की

लखनऊ।
आम आदमी पार्टी (AAP) ने शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में प्रदेश सरकार की ‘स्कूल पेयरिंग योजना’ के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। पार्टी कार्यकर्ता सुबह से ही चारबाग और हजरतगंज क्षेत्र में एकत्र होकर सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी करते रहे। उन्होंने इस योजना को “सरकारी स्कूलों की पहचान मिटाने वाली नीति” करार दिया।

उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में “स्कूल पेयरिंग प्रोग्राम” शुरू किया है, जिसके तहत सरकारी और निजी स्कूलों को एक साथ जोड़ा जा रहा है, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता और संसाधनों का आदान-प्रदान किया जा सके। लेकिन AAP का कहना है कि यह योजना गरीब छात्रों को निजी स्कूलों के अधीन कर देने की साजिश है और इससे सरकारी शिक्षा व्यवस्था को कमजोर किया जा रहा है।

AAP प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा,

“सरकारी स्कूलों की अलग पहचान होती है—समान अवसर, सामाजिक समरसता और affordability की प्रतीक। स्कूल पेयरिंग योजना के जरिए सरकार इन्हें निजी हाथों में सौंपने का रास्ता बना रही है। हम इसका पुरज़ोर विरोध करते हैं।”

पार्टी ने यह भी दावा किया कि इस योजना से जुड़ी कोई स्पष्ट नीति या पारदर्शिता नहीं है, और यह शिक्षा के व्यवसायीकरण की ओर एक और कदम है।

AAP ने इस योजना को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की है। याचिका में कहा गया है कि यह योजना संविधान के अनुच्छेद 21-A (शिक्षा का अधिकार) का उल्लंघन करती है और इससे सामाजिक असमानता को बढ़ावा मिलेगा।

प्रदर्शन को देखते हुए लखनऊ पुलिस ने कई इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी थी। हजरतगंज, चारबाग और विधान सभा मार्ग पर पुलिस तैनात रही। हालांकि प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और किसी तरह की झड़प या गिरफ्तारी की सूचना नहीं है।

AAP का यह आंदोलन प्रदेश में शिक्षा के मुद्दे पर राजनीतिक बहस को नए सिरे से जन्म देता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार ने संवाद के रास्ते पर चलने की बजाय योजनाएं थोपने की कोशिश की, तो यह मामला आने वाले समय में और व्यापक रूप ले सकता है।

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