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वीरता को सलाम: कैप्टन मनोज पांडेय की स्मृति में लखनऊ में हुआ भव्य क्रिकेट टूर्नामेंट

लखनऊ, 4 जुलाई 2025 |
देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले परमवीर चक्र विजेता कैप्टन मनोज पांडेय की शहादत की स्मृति में लखनऊ के मैदान आज एक खास अवसर के गवाह बने। अविषा स्पोर्टिंग क्लब के तत्वावधान में आयोजित इस विशेष क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्देश्य केवल खेल को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि युवाओं में देशभक्ति, बलिदान और प्रेरणा की भावना को पुनः जाग्रत करना भी था।

यह टूर्नामेंट उत्तर प्रदेश के इतिहास में एक अनूठा आयोजन है, जिसमें लगभग 29 टीमों ने हिस्सा लिया। आयोजन स्थल पर न केवल खिलाड़ियों का उत्साह देखने लायक था, बल्कि दर्शकों की संख्या और उनमें मौजूद भावनात्मक जुड़ाव भी अभूतपूर्व रहा। पूरे आयोजन के दौरान एक बात साफ झलकती रही — यह सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि एक राष्ट्रनायक को श्रद्धांजलि देने का माध्यम था।

कार्यक्रम में भारतीय सेना और पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी विशेष रूप से उपस्थित रहे। इनमें मेजर जनरल ज़ेड. आई. एस. यजदानी (एस.एम., वी.एस.एम.), कर्नल अमित कुमार त्रिपाठी, कर्नल समीऱ, कर्नल डी. एस. चौहान और कैप्टन मनोज पांडेय के भाई मनमोहन पांडेय शामिल रहे। उनकी उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी भावनात्मक तथा गरिमामयी बना दिया।

लखनऊ पुलिस विभाग की ओर से भी आयोजन में उल्लेखनीय सहभागिता रही। आईपीएस बसंत कुमार और अपर पुलिस आयुक्त (क्राइम) आर. वसंत कुमार जैसे वरिष्ठ अधिकारी न केवल उपस्थित हुए, बल्कि उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए देशप्रेम और अनुशासन का संदेश भी दिया।

कैप्टन मनोज पांडेय के भाई मनमोहन पांडेय, जो स्वयं भी एक समाजसेवी के रूप में सक्रिय हैं, ने मंच से युवाओं को संबोधित करते हुए कहा:

“मनोज केवल मेरे भाई नहीं, पूरे देश के बेटे थे। उन्होंने जिस जज़्बे और समर्पण के साथ करगिल युद्ध में वीरगति पाई, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक आदर्श बन गया है। यह आयोजन हमें यह याद दिलाता है कि वीर कभी मरते नहीं, वे इतिहास में अमर हो जाते हैं।”

उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से न केवल शहीदों की स्मृति सजीव रहती है, बल्कि युवाओं को अपने दायित्व और देशभक्ति के महत्व का भी बोध होता है।

1999 के करगिल युद्ध में अद्वितीय साहस और नेतृत्व का परिचय देते हुए कैप्टन मनोज पांडेय ने अपनी अंतिम सांस तक दुश्मनों से लोहा लिया। उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च वीरता सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। आज जब उनके नाम पर यह टूर्नामेंट आयोजित किया गया, तो मैदान पर हर रन, हर कैच, हर जश्न – मानो उनके जज़्बे को सलाम कर रहा था।


आयोजन के पीछे

अविषा स्पोर्टिंग क्लब के आयोजकों ने बताया कि यह टूर्नामेंट हर वर्ष आयोजित किया जाएगा और इसे एक वार्षिक परंपरा के रूप में विकसित किया जाएगा। आयोजन का उद्देश्य केवल खेल नहीं, बल्कि एक सकारात्मक सामाजिक-सांस्कृतिक वातावरण तैयार करना है, जहां वीरों की कहानियाँ प्रेरणा बनकर जीवित रहें।

इस आयोजन ने यह सिद्ध किया कि जब खेल और देशभक्ति एक साथ आते हैं, तो समाज में नई ऊर्जा का संचार होता है। मैदान में भाग ले रहे युवा खिलाड़ी न केवल रन बनाने या विकेट लेने में व्यस्त थे, बल्कि हर गेंद के साथ उनके भीतर एक आदर्श सैनिक के जीवन और बलिदान की गूंज सुनाई दे रही थी।

इस विशेष क्रिकेट प्रतियोगिता ने यह स्पष्ट कर दिया कि खेल मैदान न केवल प्रतियोगिता के केंद्र होते हैं, बल्कि वे संवेदनाओं, सम्मान और संस्कारों के भी वाहक होते हैं। कैप्टन मनोज पांडेय की स्मृति में हुआ यह आयोजन एक उदाहरण है कि वीरता को केवल शब्दों में नहीं, कार्यों में जी कर दिखाना ही सच्ची श्रद्धांजलि है।

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