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उत्तराखंड में जल स्रोतों के संरक्षण हेतु SARRA प्राधिकरण की स्थापना

उत्तराखंड सरकार ने जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए स्प्रिंग एंड रिवर रिवाइव अथॉरिटी (SARRA) की स्थापना की है। इस प्राधिकरण का उद्देश्य राज्य में सूखते जल स्रोतों, नदियों और धाराओं का वैज्ञानिक तरीके से पुनर्जीवन करना है।
🔹 प्रमुख पहलें और उपलब्धियाँ:
- भगीरथ मोबाइल ऐप का शुभारंभ: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘जल संरक्षण अभियान 2025’ के तहत ‘भगीरथ’ मोबाइल ऐप लॉन्च किया है। इस ऐप के माध्यम से नागरिक अपने क्षेत्र के संकटग्रस्त जल स्रोतों की जानकारी साझा कर सकते हैं, जिससे सरकार उन स्रोतों के पुनर्जीवन के लिए आवश्यक कदम उठा सके।
- जल स्रोतों का चिन्हांकन और उपचार: SARRA ने अब तक राज्य में 5428 जल स्रोतों का चिन्हांकन किया है और उनके उपचार की प्रक्रिया शुरू की है।
- प्राथमिकता वाली नदियों का चयन: प्राधिकरण ने पहले चरण में सौंग (देहरादून-टिहरी), पूर्वी एवं पश्चिमी नयार (पौड़ी), शिप्रा (नैनीताल) और गौड़ी (चंपावत) नदियों को दीर्घकालिक उपचार के लिए चयनित किया है।
🔹 भविष्य की योजनाएँ:
- जनभागीदारी और जागरूकता: सरकार ने ‘धारा मेरा, नौला मेरा, गांव मेरा, प्रयास मेरा’ थीम के तहत जनसहभागिता को बढ़ावा देने की योजना बनाई है, जिससे स्थानीय समुदाय जल स्रोतों के संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभा सकें।
- वर्षा जल संचयन और भूजल पुनर्भरण: मैदानी क्षेत्रों में भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए केंद्रीय भूजल बोर्ड के सहयोग से विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने जल संरक्षण को राज्य की सतत विकास रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में इस दिशा में निरंतर प्रयास करने की प्रतिबद्धता जताई है।
इस पहल से उत्तराखंड में जल संकट को दूर करने और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी।
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