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भारत-पाकिस्तान सीमा पर शांति की पहल: डीजीएमओ की बैठक में संघर्ष विराम पर सहमति

भारत और पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMOs) ने 20 मई को एक महत्वपूर्ण बैठक में सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए बातचीत की। दोनों पक्षों ने संघर्ष विराम समझौते का पालन करने और सीमा पर शांति बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की।

इस बैठक में भारतीय डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और उनके पाकिस्तानी समकक्ष मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने भाग लिया। दोनों अधिकारियों ने हॉटलाइन के माध्यम से बातचीत की, जिसमें उन्होंने सीमा पर किसी भी प्रकार की गोलीबारी या आक्रामक कार्रवाई से बचने पर सहमति जताई। इसके अतिरिक्त, दोनों पक्षों ने सीमा क्षेत्रों से सैनिकों की संख्या में कमी लाने और विश्वास बहाली के उपायों को जारी रखने पर भी चर्चा की।

इससे पहले, 10 मई को दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम समझौता हुआ था, जिसके बाद 12 मई और 14 मई को भी डीजीएमओ स्तर की वार्ताएं हुई थीं। इन बैठकों में संघर्ष विराम को 18 मई तक बढ़ाने पर सहमति बनी थी।

हालांकि, संघर्ष विराम के तुरंत बाद कुछ उल्लंघनों की खबरें सामने आई थीं, लेकिन दोनों देशों ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए त्वरित कदम उठाए। भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संसद की विदेश मामलों की समिति को बताया कि यह निर्णय पूरी तरह से द्विपक्षीय था और इसमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की ओर से कोई परमाणु संकेत नहीं दिए गए थे और संघर्ष पारंपरिक सीमाओं के भीतर ही रहा।

पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने भी इस संघर्ष विराम के बाद भारत के साथ “समग्र संवाद” की वकालत की है, जिससे दोनों देशों के बीच लंबित मुद्दों को सुलझाने की दिशा में कदम बढ़ाया जा सके।

इस बैठक को दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली और सीमा पर स्थायी शांति स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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