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आलिया भट्ट को ‘नेपो किड’ बुलाने वालों को करण जौहर का करारा जवाब

मुंबई।
फिल्मी दुनिया में कई स्टार किड्स अपनी पहचान बनाने की कोशिश करते हैं, लेकिन कुछ ही ऐसे होते हैं जो अपनी मेहनत और काबिलियत से दर्शकों के दिलों में खास जगह बना पाते हैं। ऐसी ही एक शख्सियत हैं फिल्ममेकर महेश भट्ट और एक्ट्रेस सोनी राजदान की बेटी आलिया भट्ट। बीते 13 सालों में आलिया ने खुद को बॉलीवुड की सबसे बेहतरीन अभिनेत्रियों में शुमार करा लिया है।

आलिया ने साल 2012 में फिल्म ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ से बॉलीवुड में कदम रखा था। इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक हिट और चुनौतीपूर्ण भूमिकाएं निभाकर साबित किया कि वह सिर्फ एक स्टार किड नहीं, बल्कि एक शानदार कलाकार हैं। आलिया के खाते में ‘हाईवे’, ‘उड़ता पंजाब’, ‘राज़ी’, ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ जैसी फिल्में हैं, जिनमें उनके अभिनय को दर्शकों और समीक्षकों से खूब सराहना मिली है। उन्होंने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (National Film Award) सहित कई प्रतिष्ठित अवॉर्ड भी अपने नाम किए हैं।

हालांकि इसके बावजूद, सोशल मीडिया पर कुछ नेटिज़न्स अब भी उन्हें ‘नेपो किड’ कहकर ट्रोल करते रहते हैं।

करण जौहर का मुंहतोड़ जवाब

हाल ही में फिल्ममेकर करण जौहर, जिन्होंने आलिया को बॉलीवुड में लॉन्च किया था, से एक इंटरव्यू में पूछा गया कि आलिया पर अब भी ‘नेपो किड’ का टैग क्यों लगा हुआ है। इस पर करण ने गलाटा प्लस से बातचीत में करारा जवाब देते हुए कहा:

“क्या आपने ‘हाईवे’ देखी है? क्या आपने ‘उड़ता पंजाब’ देखी है? क्या आपने ‘राज़ी’ देखी है? क्या आपने ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ देखी है? अगर आपने ये फिल्में देखी हैं और फिर भी आलिया को ‘नेपो किड’ कह रहे हैं, तो आप इस धरती के सबसे बेवकूफ इंसान हैं और आपकी कोई मदद नहीं कर सकता।”

“आलिया मेरी पहली बेटी जैसी है” — करण जौहर

करण जौहर और आलिया भट्ट के रिश्ते की बात करें तो दोनों के बीच बेहद खास बॉन्ड है। आलिया खुद को करण का मेंटी मानती हैं और करण भी कई बार कह चुके हैं कि वह आलिया को अपनी “पहली बेटी” मानते हैं। आलिया ने करण जौहर के प्रोडक्शन में बनी ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’, ‘हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया’, ‘शानदार’, ‘डियर ज़िंदगी’, ‘बद्रीनाथ की दुल्हनिया’ जैसी फिल्मों में काम किया है।

करण का यह बयान न केवल आलिया की काबिलियत को सामने लाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वह अपने करीबी कलाकारों के लिए बिना हिचक के खड़े होते हैं। अब देखना यह होगा कि करण के इस जवाब के बाद ‘नेपोटिज़्म’ पर चल रही बहस किस दिशा में जाती है।

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