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RTI खुलासा: उत्तराखंड में सांसद निधि से पहले साल नहीं हुआ एक भी काम, जनता में नाराजगी

उत्तराखंड से हैरान करने वाला एक आरटीआई (RTI) खुलासा सामने आया है, जिससे यह पता चला है कि सांसद निधि से सांसद चुने जाने के पहले साल में एक भी विकास कार्य नहीं किया गया। यह जानकारी सामने आते ही आम जनता में नाराजगी और सवालों की लहर दौड़ गई है।

आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा मांगी गई जानकारी में साफ तौर पर यह बताया गया है कि सांसद निधि (MPLADS) के तहत साल 2024-25 की पहली तिमाही में कोई भी प्रोजेक्ट स्वीकृत या क्रियान्वित नहीं हुआ। ना तो कोई सड़क बनी, ना कोई स्वास्थ्य या शिक्षा से जुड़ा कार्य हुआ और ना ही किसी गांव या क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का विकास किया गया।

जनता के सवाल:
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन जब काम करने का समय आता है तो सांसद निधि जैसी योजनाएं भी लापरवाही की भेंट चढ़ जाती हैं। कई क्षेत्रों में जनता को आज भी पेयजल, सड़क और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी झेलनी पड़ रही है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया:
आरटीआई खुलासे के बाद विपक्षी दलों ने भी सरकार और स्थानीय सांसद को घेरना शुरू कर दिया है। विपक्ष का कहना है कि यह केवल विकास के नाम पर दिखावा है और असल में जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं हो रहा।

अब सवाल यह उठता है:
जब हर सांसद को हर साल करोड़ों रुपये की निधि मिलती है, तो आखिर वह पैसा कहां जा रहा है? यदि पहले साल में एक भी कार्य नहीं हुआ, तो क्षेत्र की समस्याओं का समाधान कैसे होगा?

इस पूरे मामले पर जनता अब स्पष्टीकरण की मांग कर रही है, और उम्मीद है कि प्रशासन या संबंधित सांसद जल्द ही जवाब देंगे।

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