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बड़ी खबर: फीस बढ़ोतरी पर डीएम का सख्त रुख, मानकों की अनदेखी पर रद्द होगी स्कूलों की मान्यता

जिले में निजी स्कूलों की मनमानी पर अब प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। फीस में मनचाही बढ़ोतरी, किताबें और यूनिफॉर्म जबरन स्कूल से खरीदने की शर्त, और शिक्षा के व्यावसायीकरण को लेकर जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश जारी किए हैं।

डीएम का साफ संदेश है कि यदि कोई स्कूल निर्धारित मानकों और नियमों का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी। इस निर्देश के बाद कई नामी स्कूलों में हड़कंप मच गया है और वे अब बैकफुट पर आते नजर आ रहे हैं।

प्रशासन की इस कार्रवाई का असर साफ दिखाई दे रहा है। सूत्रों के अनुसार, जिले के कुछ बड़े स्कूलों ने हाल ही में की गई फीस में 35% तक की कटौती की है। इससे अभिभावकों को आर्थिक रूप से काफी राहत मिली है।

इतना ही नहीं, अब अभिभावक किताबें और ड्रेस कहीं से भी खरीद सकते हैं। स्कूलों द्वारा किताबें और यूनिफॉर्म के लिए तय की गई दुकानों से जबरन खरीदवाने की नीति को भी प्रशासन ने पूरी तरह खारिज कर दिया है। अब कोई स्कूल अभिभावकों को बाध्य नहीं कर सकेगा कि वे केवल उन्हीं स्थानों से सामान लें, जो स्कूल द्वारा निर्धारित किए गए हैं।

इस फैसले से अभिभावकों में खुशी की लहर है। लंबे समय से स्कूलों की मनमानी झेल रहे माता-पिता को अब प्रशासन से न्याय की उम्मीद बंधी है।

जिलाधिकारी का बयान:

“शिक्षा सेवा है, व्यापार नहीं। कोई भी स्कूल यदि तय नियमों का पालन नहीं करता है, तो उसकी मान्यता रद्द की जाएगी। अभिभावकों की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई होगी।”

प्रशासन की इस सख्ती को लेकर जिला शिक्षा विभाग को भी निर्देश दिए गए हैं कि सभी स्कूलों की फीस संरचना, किताबों और ड्रेस की बिक्री व्यवस्था की जांच करें और किसी भी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर तत्काल रिपोर्ट करें

यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा और सराहनीय प्रयास माना जा रहा है।

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