उत्तराखंड: एलटी शिक्षक भर्ती पर न्यायालय की रोक से नियुक्ति प्रक्रिया अटकी, नाराज अभ्यर्थियों का देहरादून में धरना जारी

उत्तराखंड में एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाए जाने के कारण लगभग 1,300 चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया अटक गई है। इससे नाराज चयनित अभ्यर्थियों ने देहरादून में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है, जिससे राज्य में शिक्षा व्यवस्था और रोजगार नीतियों पर सवाल उठ रहे हैं।
🔍 विवाद की पृष्ठभूमि
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) द्वारा 1,544 एलटी ग्रेड सहायक शिक्षक पदों के लिए 18 अगस्त 2024 को परीक्षा आयोजित की गई थी। इसके बाद जनवरी 2025 में प्रमाणपत्रों का सत्यापन भी पूरा कर लिया गया था। हालांकि, कुछ अभ्यर्थियों ने उत्तर कुंजी में बदलाव और चयन प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। इस पर न्यायमूर्ति रवींद्र मैथानी की एकल पीठ ने नियुक्ति पत्र जारी करने पर अस्थायी रोक लगा दी है।
📢 अभ्यर्थियों का विरोध प्रदर्शन
नियुक्ति प्रक्रिया में देरी से नाराज चयनित अभ्यर्थी 22 मार्च 2025 से देहरादून में लगातार धरना दे रहे हैं। उनका कहना है कि राज्य के 1,149 प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक नहीं हैं, फिर भी 650 से अधिक प्रशिक्षित अभ्यर्थी नियुक्ति की प्रतीक्षा में हैं। अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री के कार्यालय तक मार्च निकालकर अपनी मांगों को जोरदार तरीके से उठाया है।
🏫 शिक्षा व्यवस्था पर प्रभाव
राज्य में लगभग 3,000 स्कूल केवल एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं, जबकि नई शिक्षा नीति के अनुसार प्रत्येक स्कूल में कम से कम दो शिक्षक होने चाहिए। इस स्थिति ने शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।
⚖️ सरकार से अपेक्षाएं
अभ्यर्थियों की मांग है कि सरकार नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता लाए और उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए शीघ्र नियुक्ति पत्र जारी करे। वे यह भी चाहते हैं कि भविष्य में ऐसी अनियमितताओं से बचने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
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