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उर्वरक की कालाबाजारी, जमाखोरी तथा मुनाफाखोरी पर सख्तकार्यवाही के दिए निर्देश

प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही की अध्यक्षता में मंगलवार को पूर्वान्ह 11ः45 बजे विधान भवन स्थित कार्यालय कक्ष में भारत सरकार द्वारा प्रदेश को प्रेषित की जा रही डीएपी उर्वरक के सम्बन्ध में संयुक्त कृषि निदेशक (उर्वरक), उत्तर प्रदेश एवं उर्वरक विनिर्माता/प्रदायकर्ता संस्था के प्रतिनिधियों के साथ गहन समीक्षा की गयी है। सर्वप्रथम माह नवम्बर, 2024 हेतु भारत सरकार द्वारा आवंटन के सापेक्ष कम्पनीवार डीएपी उर्वरक आपूर्ति के सम्बन्ध में जानकारी चाही गई. जिसमें आवंटन के सापेक्ष प्रोराटा प्लान के अनुसार मै० एन०एफ०एल० द्वारा 117 प्रतिशत, मै० आर०सी०एफ० द्वारा 58 प्रतिशत, मै० इफको द्वारा 90 प्रतिशत, मै० कृभको द्वारा 13 प्रतिशत, मै० कोरोमण्डल द्वारा 67 प्रतिशत, मै० हिण्डाल्को द्वारा 124 प्रतिशत, मै० चम्बल द्वारा 36 प्रतिशत, मै० पी०पी०एल० द्वारा 63 प्रतिशत, मै० आई०पी०एल० द्वारा 64 प्रतिशत एवं मै० एच०यू०आर०एल० द्वारा 91 प्रतिशत मात्रा की आपूर्ति की गई है।
वर्तमान में भारत सरकार द्वारा 127 फास्फटिक उर्वरकों की रैंक डिस्पैच की गई है, जिसमें से 86 रैक पहुँच चुकी हैं तथा शेष 41 फास्फेटिक रैक रास्ते में है, जिनके आगामी 02 से 03 दिन के भीतर अपने गन्तव्य तक पहुँचने की सम्भावना है।


कृषि मंत्री द्वारा उक्त उर्वरक आपूर्ति प्रक्रिया को सुचारू रूप से आवंटन के सापेक्ष शत-प्रतिशत आपूर्ति करने हेतु बैठक में उपस्थित संस्था प्रतिनिधियों को निर्देशित किया गया। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि उर्वरक कम्पनियों द्वारा उर्वरकों की आपूर्ति थोक उर्वरक विक्रेताओं को किये जाने तथा थोक उर्वरक विक्रेताओं द्वारा फुटकर उर्वरक विक्रेताओं को उर्वरक पहुँचाने की प्रक्रिया में किसी प्रकार से विलम्ब न किया जाए। साथ ही कोई भी उर्वरक कम्पनियों के द्वारा थोक उर्वरक विक्रेताओं को उर्वरक के साथ कोई अन्य उत्पाद को टैगिंग न किया जाए। थोक उर्वरक विक्रेताओं द्वारा फुटकर उर्वरक विक्रेताओं को उर्वरक समय से पहुँचाया जाय इसमें होल्डिंग न करें। प्रदेश के समस्त उर्वरक बिक्री केन्द्रों पर उर्वरक का विक्रय बोरी में अंकित अधिकतम विक्रय मूल्य से अधिक दर पर बिक्री न कर रहे हो। उपरोक्त के क्रम में कालाबाजारी/अधिक मूल्य पर बिक्री/उर्वरकों की होल्डिंग तथा टैगिंग से सम्बन्धित तथ्य प्रकाश में आता है तो तत्काल सम्बन्धित के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराते हुए उर्वरक विक्रय प्राधिकार पत्र को भी निरस्त करें एवं नियमानुसार विधिक कार्यवाही सम्पादित करें।


श्री शाही ने कहा कि किसानों को फसल बुवाई में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। प्रदेश के किसानों को उनकी जोत/आवश्यकता के अनुसार उर्वरकों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराना प्रदेश सरकार का दायित्व है। 13 नवंबर 2024 को सम्पन्न हुई उर्वरक समीक्षा बैठक में कृषकों द्वारा प्रायः उर्वरकों का क्रय करने हेतु साधन सहकारी/सहकारिता क्षेत्र को प्राथमिकता देने के दृष्टिगत निजी क्षेत्र के उर्वरक कम्पनियों की जनपद में लगने वाली उर्वरक रैक में 30 प्रतिशत उर्वरक सहकारिता क्षेत्र को उपलब्ध कराने के निर्देश पर शासनादेश सं0-1867911/12-2099/125/2019-1315/2024 दिनांक 13 नवम्बर, 2024 निर्गत है, परन्तु वर्तमान में कृषकों के द्वारा की जा रही दैनिक औसत खपत के दृष्टिगत उक्त 30 प्रतिशत मात्रा को बढ़ाकर 50 प्रतिशत किये जाने का निर्णय लिया गया है।

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