1857 क्रांति के महानायक बहादुर शाह ज़फ़र जी की 250वीं जयंती
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1857 क्रांति के महानायक बहादुर शाह ज़फ़र जी की 250वीं जयंती के अवसर पर आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यायल पर पूर्व मंत्री श्री राज बहादुर जी की अध्यक्षता में एक संगोष्ठी आयोजित हुई। संगोष्ठी का संचालन वरिष्ठ कांग्रेस नेता बिजेन्द्र सिंह जी ने किया।
संगोष्ठी का प्रारंभ करने से पूर्व उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष, प्रभारी प्रशासन दिनेश सिंह, वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरशद आजमी, कार्यक्रम के संयोजक स्वतंत्रता सेनानी, मौलाना अब्दुल क़य्यूम रहमानी फाउंडेशन लखनऊ के अध्यक्ष बदरे आलम, शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ0 शहजाद आलम, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ0 अलीमुल्लाह खान, पूर्व विधानसभा प्रत्याशी शहाना सिद्दीकी, तारिक सिद्दीकी आदि द्वारा प्रख्यात लेखक विचारक प्रो. राम पुनियानी की ‘‘बहादुर शाह ज़फ़र 1857 क्रांति के महानायक’’ पुस्तक विमोचन भी किया गया।
संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए प्रो. डॉ0 रमेश दीक्षित जी ने कहा कि हिन्दुस्तान प्रवासियों का देश है। यहां जो लोग आये वह यह रच बस गये और देश के निर्माण में अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। यह भी सच है कि कुछ आक्रमणकारी भी अहमद शाह अब्दाली और नादिर शाह के रूप में आये, मगर इसके अतिरिक्त जो लोग भी यहां आयें उन सभी इस देश की मिट्टी को अपनाया।
उन्होंने कहा कि इतिहास में सिर्फ में केवल मुस्लमानों को ही मौका था कि वह एक नये देश को चुने लेकिन उन्हें इस देश की मिट्टी से प्रेम था इसलिए वह भारत को ही गले लगाये रहे। भारत के जमींदारों, रजवाड़ों, किसानों एवं श्रमिकों ने 1857 की क्रांति का नेतृत्व बहादुर शाह ज़फ़र को सौंपा था क्योंकि वह हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रतीक थे और वह पहले लोकतांत्रिक शासक भी थे।
मुख्य वक्ता के रूप में संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए प्रो. रविकांत जी ने कहा कि आज हम इन विभूतियों को क्यों याद कर रहे हैं। आज की परिस्थिति में देश में एक मुनादी की जा रही है कि धर्मनिरपेक्षता नहीं चलेगी। एक पूरे समाज को बाबर की औलाद कहकर अपमानित किया जा रहा है, यह वह लोग कर रहे जिनका स्वाधीनता के आंदोलन में कोई भी योगदान नहीं रहा। मुगलकालीन का इतिहास केवल राजनीतिक नहीं बल्कि भारत का सामाजिक, सांस्कृतिक संगम है। संगोष्ठी को वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरशद आजमी, बदरे आलम ने भी संबोधित किया।
इस मौके पर कुलदीप मिश्रा ने बहादुर शाह ज़फ़र की मशहूर कविता ‘‘लगता नहीं दिल मेरा उजड़े दयार में’’ पढ़कर सुनाया। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष श्री दिनेश सिंह जी ने संगोष्ठी में आए हुए सभी मेहमानों का आभार व्यक्ते करते हुए संगोष्ठी का समापना किया।
इस अवसर पर सूचना का अधिकार विभाग कांग्रेस के प्रदेश चेयरमैन पुष्पेंद्र श्रीवास्तव, सोशल आउटरीच के प्रदेश संयोजक विक्रम पाण्डेय, अनामिका यादव, डॉ0 रिचा शर्मा, शिफा खान, सहित भारी संख्या में कांग्रेसजन मौजूद रहे।
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