Religious

अष्टमी, नवमी और दशहरा की सही डेट और शुभ मुहूर्त!

सनातन धर्म में शारदीय नवरात्र का विशेष महत्व है। यह पर्व जगत की देवी मां दुर्गा को समर्पित है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त नवरात्र का व्रत रखा जाता है। सनातन शास्त्रों में जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की महिमा का गुणगान किया गया है। मां दुर्गा की पूजा-उपासना एवं साधना करने से सामान्य जन को सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। वहीं, साधक वर्ग को मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। उनकी कृपा से संत साधक को भव सागर से मुक्ति मिलती है। शारदीय नवरात्र के दौरान अष्टमी एवं नवमी पर मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है। आइए, शारदीय नवरात्र की अष्टमी, नवमी एवं दशहरा की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-

कब है अष्टमी ?

वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 10 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 31 मिनट पर होगी। वहीं, अष्टमी तिथि का समापन 11 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 06 मिनट पर होगा। सप्तमी और अष्टमी तिथि एक दिन पड़ने के चलते महाष्टमी का व्रत अगले दिन यानी 11 अक्टूबर को रखा जाएगा। जबकि, 10 अक्टूबर को महासप्तमी मनाई जाएगी। इस शुभ अवसर पर मां दुर्गा का आह्वान किया जाएगा। साथ ही जगत जननी की विशेष पूजा की जाएगी। इस प्रकार 11 अक्टूबर को अष्टमी मनाई जाएगी।

कब है नवमी ?

आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि की शुरुआत 11 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 07 मिनट पर होगी और 12 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी। तिथि गणना के अनुसार, 11 अक्टूबर को नवमी मनाई जाएगी। इस समय संधि पूजा की जाएगी। इस शुभ अवसर पर मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी। इस प्रकार 11 अक्टूबर को ही नवमी मनाई जाएगी।

कब है दशहरा ?

सनातन धर्म में आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहर मनाया जाता है। इस शुभ तिथि की शुरुआत 12 अक्टूबर को सुबह लगभग 11 बजे से होगी। वहीं, दशमी तिथि का समापन 13 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 08 मिनट पर होगा। इस प्रकार 12 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा। इस दिन भगवान श्रीराम की पूजा के लिए शुभ समय दोपहर 01 बजकर 17 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 35 मिनट तक है। वहीं, विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 03 मिनट से लेकर 02 बजकर 49 मिनट तक है।

Related Articles

Back to top button