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2021 में भी रह सकता है कोविड-19 का प्रकोप, टीकाकरण के बावजूद सावधानी बरतने की है जरूरत 

देश में कोरोना महामारी अब खत्म होने की कगार पर पहुंच चुकी है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक, यहां कोविड से ठीक होने की दर 97.27 फीसदी हो चुकी है। देश में अब कोरोना के सक्रिय मामलों की दर महज 1.32 फीसदी ही रह गई है। हालांकि एक महामारी रोग विशेषज्ञ ने भविष्यवाणी की है कि कोविड-19 का प्रकोप 2021 में भी रह सकता है। एक मराठी न्यूज चैनल पर कोरोना के बारे में चर्चा के दौरान बोलते हुए डॉ. रमन गंगाखेडकर ने महामारी की स्थिति को ‘जटिल’ बताया। डॉ. रमन भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद में महामारी रोग के प्रमुख वैज्ञानिक रह चुके हैं। 

डॉ. रमन गंगाखेडकर ने कहा, ‘यदि कोई इस भ्रम में है कि कोविड-19 का चरण जल्द ही समाप्त हो जाएगा, तो वे गलत हैं। कोरोना का संक्रमण 2020 में भी था और यह वैसे ही 2021 में भी लोगों को प्रभावित कर सकता है। यह एक बहुत ही जटिल मुद्दा है और हमें हर मामले को बहुत सावधानी से संभालना चाहिए।’ 

डॉ. रमन ने कहा, ‘महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि वायरस का प्रसार निहित है।’ दरअसल, मुंबई में पिछले हफ्ते से कोरोना के नए मामलों में बढ़ोत्तरी को ध्यान में रखते हुए बृहन मुंबई महानगर पालिका ने कठोर कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। नए दिशानिर्देश के तहत अब एक हजार से अधिक इमारतों को सील किया जा चुका है।

हालांकि इस महामारी को खत्म करने के लिए जो टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है, उसके तहत देश में अब तक एक करोड़ सात लाख से अधिक लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने शनिवार को बताया था कि पिछले 24 घंटों के दौरान पांच लाख 27 हजार 197 लोगों का टीकाकरण किया गया है।

टीकाकरण के बावजूद सावधानी बरतने की जरूरत 
विश्व स्वास्थ्य संगठन समेत दुनियाभर के कई वैज्ञानिक यह पहले भी कह चुके हैं कि कोरोना का टीका लग जाने के बाद भी सावधानी बरतने की जरूरत है। इस बीमारी से बचने के लिए मास्क पहनना, साबुन-पानी से हाथों को धोना या सैनिटाइजर का उपयोग करना, सुरक्षित शारीरिक दूरी अपनाने जैसे नियमों का पालन जरूरी है। 

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