Uttar Pradesh

हुसैन नें तथाकथित मुसलमानों के चेहरे से उतारी थी इस्लाम की नक़ाब

लखनऊ, संवाददाता। मोहर्रम एक ऐसा महीना है जिसमे हज़रत इमाम हुसैन (अस) ने यज़ीद के चेहरे पर इस्लाम की पड़ी हुई नक़ाब को उतारने में अपने घर वालों सहित 71 जांनिसारों की बली दे दी। 10 मोहर्रम को सुबह से जो शहादतों का सिलसिला शुरू हुआ तो अस्र के वक़्त हज़रत इमाम हुसैन (अस) सहित 72 लोग कर्बला के मैदान तीन दिन के भूखे और प्यासे शहीद हो गए लेकिन वो शहीद होकर भी जीत गए और आज 1400 वर्ष गुज़र जाने के बाद भी हुसैन लोगों के दिलों पर राज्य कर रहे हैं। ये ग़म वो है जो सिर्फ शिया समुदाय तक सीमित नहीं बल्कि हर धर्म के लोग इस ग़म को मानते हैं। कल जहां शियों के एक जुलूस में स्वामी नारंग नें छुरियों का मातम किया तो वहीं दिलीप कुमार सक्सेना नें क़मा का मातम किया। इसी तरह कल गुलज़ार नगर में अहले सुन्नत हजरात नें इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की शहादत को याद करके ताज़िये और जुलूस निकाले।

गुलज़ार नगर ऐशबाग में 10 वीं मोहर्रम को सुन्नी अजादरो ने ताजिया लेकर तकिया गढ़ी कनौरा कर्बला में सुपुर्दे खाक किया।
हर साल की तरह इस साल भी गुलज़ार नगर में 7 वीं मोहर्रम को हजरत कासिम की मेंहदी का जुलूस ,8 वीं मोहर्रम को हजरत अली असगर का झूला, 9 वीं मोहर्रम को सभी ताजियादारों ने अपनी अपनी चौक पे ताजिया रखा जबकि कल10 वीं मोहर्रम मंगलवार को सभी ताजियादारों ने गढ़ी कनौरा तकिया कर्बला में अपने अपने ताजियों को सुपर्दे खाक किया ।

गुलज़ार नगर पुरानी चौक के मुखिया अकबर अली ने बताया कि 1969 से उनके पिता मोहम्मद शब्बीर ताजियादारी करते आ रहे हैं।अब अकबर अली स्वयं ताजियादारी करते है। पंचायती चौक के मुखिया मोहम्मद आरिफ ने बताया कि उनके बड़े भाई मरहूम राजू कमलीन ताजियादारी किया करते थे जो कि अब इस दुनिया में नही है ।

पिछले 3 वर्षो से मोहम्मद आरिफ पंचायती चौक ( बड़ी चौक) पर ताजिया रखते है ।
इसी तरह गुलज़ार नगर वासियों का कहना है कि उनके पूर्वजों ने भी ताजियादारी की है और अब वो भी कर रहे है।
हालाकि हर साल की तरह इस साल जुलूस और ताजिया ले जाने के मार्गों में परिवर्तन के कारण ताज़ियादारों को काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

जुलूस में ताजियादारों या हुसैन ,या हसन ,अली मौला ,हैदर मौला,या फातिमा ,के नारे लगाते हुए तकिया कर्बला पहुंचे।
इस जुलूस में अकबर अली , मोहम्मद आरिफ , मोहम्मद अनीस , मोहम्मद अकील , मोहम्मद कय्यूम, सीमा नेता , फकीरे , मोहम्मद शकील , पीर मोहम्मद, मोहम्मद रफीक और आसमा सब्जी वाली के साथ साथ हजारों लोग शामिल थे।

Related Articles

Back to top button