सीएम योगी के ‘भगवा’ तक पहुंची सपा की ‘लाल टोपी’ ,से तेज हुई इसके छीटें,जरुर देखें चुनावी होली में ‘राजनीति के रंग’
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होली का पर्व इस बार 18 मार्च को मनाया जाएगा, लेकिन सत्ता के गलियारे में होली 10 मार्च को शुरू हो जाएगी, जब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 परिणाम सामने आएंगे। भाजपा को भरोसा है इस बार होली में भगवा रंग चटख होगा तो समाजवादी पार्टी को यकीन है कि उसका लाल रंग जमने वाला है। चुनाव परिणाम राजनीति के रंग दिखाएंगे, लेकिन रंगों पर राजनीति तो पूरे चुनाव भर छाई रही। सपा की ‘लाल टोपी’ से तेज हुई कहानी नीले-पीले रंग दिखाते हुए ‘भगवा’ तक पहुंच चुकी है। अब जब पूर्वांचल की 111 सीटों के लिए मतदान होने जा रहा है तो उससे ठीक पहले सपा की पूर्व सांसद डिंपल यादव द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भगवा पर छींटाकशी ने पूर्वांचल ने नई भावनात्मक बयार चला दी है, जिसने ठीक ‘मैं भी चौकीदार’ की तर्ज पर ‘मैं भी भगवाधारी’ जैसा माहौल बनाना शुरू कर दिया है.
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जाति-धर्म और दलों के अलग-अलग रंगों पर उत्तर प्रदेश की राजनीति पहले भी होती रही है। भाजपा को घेरने के लिए विरोधी दल ‘भगवा आतंकवाद’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर चुके हैं तो संप्रदाय विशेष की राजनीति करने वालों को भगवा खेमा ‘हरा वायरस’ जैसे शब्दों से घेरता रहा है। रंगों पर राजनीति के दांव से इस बार भी दल नहीं चूके। ‘चिलमजीवी’ जैसे तीखे तंज सपा मुखिया अखिलेश यादव करते रहे, जिसका जवाब दिसंबर में गोरखपुर की जनसभा से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिया। उन्होंने सपा पर हमला बोलते हुए कहा था- ‘लाल टोपी वाले उत्तर प्रदेश के लिए खतरे की घंटी हैं।’
अखिलेश का तो इस पर यही पलटवार आया कि यही लाल टोपी भाजपा को सत्ता से बेदखल करेगी, लेकिन आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी व सांसद संजय सिंह और आक्रामक होकर रंग-संघर्ष में कूद पड़े। उन्होंने तब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गणवेश वाली काली टोपी लगाए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फोटो ट्वीट की। उस पर लिखा- ‘मोदी जी काली टोपी वालों का दिल और दिमाग, दोनों काला होता है।’
रंगों के सहारे राजनीति की कहानी इसी कतार में बढ़ती गई। पिछले विधानसभा चुनाव में जो सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) गठबंधन में भाजपा के साथ थी, इस बार उसने सपा से हाथ मिला लिया है। इससे उत्साहित अखिलेश यादव ने मऊ में सुभासपा की महापंचायत में तंज कसा- ‘इस महापंचायत में पीले और लाल रंग की संयुक्त ताकत देखकर कोई दिल्ली तो कोई लखनऊ में लाल-पीला हो रहा होगा।’
दरअसल, सुभासपा का झंडा पीले रंग का है। फिर एक सभा में सपा मुखिया ने फिर भाजपा पर निशाना साधा और बोले- ‘एक रंग वाले प्रदेश में खुशहाली नहीं ला सकते।’ राजनीति के रंगों को परिभाषित करने में भला एआइएमआइएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी कैसे पीछे रहते। उन्होंने मुरादाबाद की एक रैली में टिप्पणी की- ‘नफरत इतनी फैला दी गई कि हरा रंग देखकर भक्त लाल हो जाते हैं।’
इसके बाद से रंगों पर बात सिर्फ इतनी हो रही थी कि इस बार होली भगवा होगी या दूसरे रंग की? लेकिन पिछले दिनों कौशाम्बी में जनसभा के दौरान सपा की पूर्व सांसद डिंपल यादव ने मुख्यमंत्री के भगवा वस्त्रों पर तीखी टिप्पणी कर दी। उन्होंने कहा- इंजन तो लोहे का होता है, लेकिन उस पर जो जंग लगता है, उसी रंग का कपड़ा मुख्यमंत्री पहनते हैं। योगी मुख्यमंत्री होने के साथ ही गोरक्ष पीठाधीश्वर हैं। राजनीति के इतर उनसे लाखों अनुयायियों की आस्था जुड़ी है और छठवें चरण में तीन मार्च को गोरखपुर में भी मतदान होना है, जहां शहर सीट से योगी खुद चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में इंटरनेट मीडिया पर सपा नेता के इस तंज पर तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है। योगी समर्थक हैशटैग ‘मैं भी भगवाधारी’ के साथ इस पर अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे हैं।
भाजपा उत्तर प्रदेश के ट्विटर हैंडल पर लिखा गया- ‘जिस भगवा का अपमान सपा नेता कर रही हैं, वो सनातन धर्म व तप, त्याग, बलिदान का प्रतीक है। महलों में रहने वाले परिवारवादियों को एक भगवाधारी से सिर्फ इसलिए इतनी नफरत है कि वो 25 करोड़ जनता को अपना परिवार मानते हैं? खास वोटबैंक को खुश करने के लिए भगवा का अपमान नहीं सहेगा यूपी। पूर्वांचल के लिए सनातन धर्म और आस्था से जुड़ा यह नया मुद्दा फिलहाल गर्माता नजर आ रहा है।’
योगी ने समझाया- क्या है भगवा : योगी आदित्यनाथ आफिस के अधिकृत ट्विटर हैंडल से ट्वीट की बौछार कर दी गई है। सीएम योगी की ओर से अलग-अलग ट्वीट से समझाया गया है कि भगवा क्या है, उसका महत्व क्या है। उनकी ओर से कुछ ऐसे ट्वीट किए गए-
- भारत की सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक है भगवा।
- भगवा और हिंदू के प्रति मौलवियों की चौखट पर घुटने टेकने व नाक रगडऩे वाले घोर परिवारवादियों की घृणा जगजाहिर है, इसीलिए अब हर प्रदेशवासी कह रहा है कि मैं भी भगवाधारी।
- भगवा मात्र रंग नहीं, सत्य सनातन धर्म का शाश्वत प्रतीक है। छद्म समाजवादियों के लिए भगवा का अपमान करना कोई बात नहीं। पहले भी भगवाधारियों पर गोली चलवाकर इस बात को इन्होंने स्वयं सिद्ध किया है, इसलिए प्रदेश की राष्ट्रवादी जनता कह रही है ‘मैं भी भगवाधारी’।
- भगवा शौर्य और त्याग का रंग है। शूरवीर महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी महाराज के झंडे का रंग भी भगवा ही तो है।
- भगवा सृष्टि की ऊर्जा का रंग है। सूर्य की किरणें और भगवान सूर्य का रंग भी भगवा होता है। भगवा हमारी पहचान है।
- भारत और भारतीयता का पर्याय है भगवा। भगवा का विरोध मां भारती का विरोध है।
- आज जो लोग भगवा का विरोध कर रहे हैं, वे हजारों वर्ष पुराने बर्बर आक्रांताओं को पूजने वाले हैं। उत्तर प्रदेश की जनता ऐसे भारत विरोधियों को कभी माफ नहीं करेगी।
- हर गोरखपुरवासी और उत्तर प्रदेश वासी कहेगा कि हम भगवाधारी हैं।
- राणा की ललकार है भगवा
- वीर शिवा की हुंकार है भगवा
- शबरी मां की भावना है भगवा
- मां सीता का विश्वास है भगवा
- माता अहिल्या की साध है भगवा
- राष्ट्र प्रेम की पुकार है भगवा।
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