समाधान प्रक्रिया पूरी होने तक सात सदस्यीय समिति करेगी विमानन कंपनी जेट एयरवेज का प्रबंधन
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नई दिल्ली, विमानन कंपनी जेट एयरवेज (Jet Airways) ने शेयर बाजारों जानकारी दी है कि उसकी समाधान प्रक्रिया पूरी होने तक एक सात सदस्यीय निगरानी समिति उसके रोजमर्रा कामकाज का प्रबंधन करेगी। इस समिति में बोली जीतने वाले जालान-कालरॉक कंसोर्टियम और कंपनी के कर्जदाताओं द्वारा नियुक्त सदस्य होंगे।
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शेयर बाजारों को दी जानकारी के अनुसार, आशीष छाछडि़या अब एयरलाइन के समाधान पेशेवर नहीं रह जाएंगे।जेट एयरवेज का परिचालन अप्रैल, 2019 से बंद है। कंपनी फिलहाल कॉरपोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया (सीआइआरपी) के अधीन है।
कंपनी ने बताया है कि सीआइआरपी प्रक्रिया पूरी हो गई है। इसके साथ ही आशीष छाछडि़या 25 जून से कंपनी के समाधान पेशेवर नहीं रह गए हैं। एनसीएलटी द्वारा मंजूर समाधान योजना के तहत एक सात सदस्यीय निगरानी समिति के गठन की जरूरत जरूरत होगी। इनमें तीन-तीन सदस्य बोली जीतने वाले कंसोर्टियम और वित्तीय कर्जदाताओं द्वारा नियुक्त किए जाएंगे।
वित्तीय कर्जदाता एक स्वतंत्र समाधान पेशेवर की नियुक्ति करेंगे।उल्लेखनीय है कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही जेट एयरवेज के लिए जालान-कालरॉक कंसोर्टियम की समाधान योजना को इस सप्ताह मंगलवार को मौखिक और शुक्रवार को लिखित मंजूरी दे दी।
कंपनी पर 8,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था। इसका समय पर भुगतान करने में विफल रहने के बाद भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) के नेतृत्व में कंपनी के कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) ने दिवालिया प्रक्रिया की अनुमति मांगी थी। एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने इस सप्ताह समाधान योजना को अनुमोदन देते हुए कहा है कि यह 90 दिनों के भीतर अमल में आ जानी चाहिए।
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