शान्ति और सुकून देंगे ये बेहद खुबसूरत गाँव, यहाँ जाकर शहर को भूल जाएंगे आप
घूमने के लिए शांत वातावरण खोज रहे हैं और हरियाली भी चाहते हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे गाँवों के बारे में जहाँ जाकर आप सुकून के पल बिता सकेंगे। आइए जानते हैं इन जगहों के बारे में। जी दरअसल हम बात कर रहे हैं तेलंगाना के पोचमपल्ली (Pochampally Village), मेघालय के कोंगथोंग गांव (Kongthong Village) और मध्य प्रदेश के लाधपुरा खास गांव (Ladpura Khas Village) के बारे में। आप सभी को बता दें कि बीते वर्ष इन तीनों गांवों को यूनाइटेड नेशन्स वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन अवॉर्ड (United Nations World Tourism Organization Award) के लिए बेस्ट टूरिज्म विलेज की कैटेगरी में नॉमिनेट किया जा चुका है। आइए जानते हैं इनकी विशेष बातों को।
कोंगथोंग गांव- शिलॉन्ग से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित कोंगथोंग गांव अपने प्राकृतिक सौंदर्य और विशिष्ट संस्कृति के लिए बहुत लोकप्रिय है। यहाँ सुंदर पहाड़ों, झरनों और देवदार के पेड़ों से घिरी घाटी बेहतरीन लगती है। केवल यही नहीं बल्कि यहां बच्चे का नाम नहीं रखा जाता। जन्म के समय मां के दिल से जो भी धुन निकलती है, वो धुन उसे सौंप दी जाती है। वहीं उसके बाद जीवनभर उस बच्चे को उसी धुन से पुकारा जाता है। इस गाँव को ‘व्हिस्लिंग विलेज’ के नाम से भी जाना जाता है।
लाधपुरा खास गांव- लाधपुरा खास गांव मध्य प्रदेश टीकमगढ़ जिले की ओरछा तहसील में है। आपको बता दें कि ओरछा आने वाले पर्यटक इस गाँव में जाते हैं और यहाँ एक अलग ही वातावरण देखने को मिलता है। यहां का शांत, शुद्ध और प्राकृतिक वातावरण लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहाँ प्राचीन साम्राज्य और अवशेषों के बारे में जानकारी मिलती है। इसी के साथ ही पारंपरिक खान-पान और पहनावे से यहां की संस्कृति से भी परिचय होता है।
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