रूस ने स्पुतनिक वी पर ब्रिटिश मीडिया रिपोर्ट्स का किया खंडन,रिपोर्ट को फर्जी और घोर झूठ बताया
रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी को विकसित करने वाली टीम ने ब्रिटिश मीडिया की उन रिपोर्ट्स का खंडन किया है, जिसमें दावा किया गया था कि रूसी जासूसों ने कोरोना रोधी वैक्सीन स्पुतनिक वी तैयार करने के लिए एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का फार्मूला चुराया था। रूस ने द सन की रिपोर्ट को फर्जी और घोर झूठ बताया है जो गुमनाम स्त्रोतों पर आधारित है।
स्पुतनिक वी टीम की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि अखबार द सन की रिपोर्ट उन लोगों की तरफ से बढ़ाई गई है जो कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया की सबसे प्रभावी और सुरक्षित वैक्सीन की सफलता का विरोध कर रहे हैं। टीम ने कहा कि इस तरह के हमले बहुत अनैतिक हैं, क्योंकि यह वैश्विक टीकाकरण के प्रयास को कमजोर करते हैं। रूसी वैक्सीन निर्माताओं की टीम ने कहा कि दोनों वैक्सीन में कोई समानता नहीं है क्योंकि स्पुतनिक वी और एस्ट्राजेनेका अलग-अलग प्लेटफार्म का उपयोग करते हैं।अखबार ‘द सन’ की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन के मंत्रियों को खुफिया एजेंसियों ने यह जानकारी दी है। भारत में पुणे स्थित दवा कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट कोविशील्ड के नाम से एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन बनाती है। अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक सुरक्षा सेवाओं ने कहा है कि उनके पास इस बात का सबूत है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के जासूसों में से एक ने दवा कंपनी के महत्वपूर्ण डाटा को चुराया, जिसमें कोरोना वैक्सीन का ब्लूप्रिंट (खाका) भी शामिल था।
पिछले साल अप्रैल में एस्ट्राजेनेका ने अपनी कोरोना रोधी वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल शुरू करने की घोषणा की थी। इसके अगले महीने ही रूस ने कोरोना वैक्सीन विकसित कर लेने का दावा किया था। इसके बाद अगस्त में टीवी पर पुतिन ने दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक वी विकसित कर लेने की घोषणा की थी। कोरोना वायरस के खिलाफ रूस की स्पुतनिक वैक्सीन भी आक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा डिजाइन की गई वैक्सीन के समान तकनीक पर काम करती है।
अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटिश सुरक्षा दल पूरी तरह से सुनिश्चित हैं कि फार्मूले को कापी किया गया था। माना जा रहा है कि डाटा एक विदेशी एजेंट द्वारा व्यक्तिगत रूप से चुराया गया था। पिछले साल, यह बात सामने आई थी कि रूस सरकार प्रायोजित हैकरों ने ब्रिटिश, अमेरिकी और कनाडाई संस्थानों को लक्षित किया था, जो कोरोना वैक्सीन विकसित करने में जुटी थीं। ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी एमआइ5 ने कहा था कि रूसी हैकरों ने मार्च 2020 में आक्सफोर्ड को लक्षित किया था।
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