रूस और यूक्रेन के बीच भीषण जंग से भारत के लाखों किसान भी सीधे तौर पर हो रहे प्रभावित
Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच भीषण जंग में हर रोज मरने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है. रूस को रोकने के लिए अमेरिका की अगुवाई में पश्चिमी देशों ने उस पर तमाम तरह के प्रतिबंध लगाए हैं. फिर भी रूस पर पाबंदियों का कोई असर नहीं पड़ रहा है.
रूस- यूक्रेन जंग का किसानों पर असर
बहुत कम लोगों को पता होगा कि इस युद्ध से भारत के लाखों किसान भी सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं. दरअसल यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से दुनिया में भारतीय गेहूं की मांग तेजी से बढ़ गई है. इसके चलते गेहूं की कीमतें (Price of Wheat) भी बढ़ रही हैं और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से भी ज्यादा कीमत मिलने लगी है.
दुनिया में कम हुई रूस-यूक्रेन की हिस्सेदारी
बताते चलें कि दुनियाभर में करीब 200 मिलियन टन का गेहूं (Wheat) का निर्यात किया जाता है. इस निर्यात में रूस और यूक्रेन की हिस्सेदारी 50-50 मिलियन टन की होती है. बाकी बचे 100 मिलियन टन में भारत समेत दुनिया के दूसरे देश आते रहे हैं, जो बचे गेहूं का निर्यात करते थे.
भारतीय गेहूं की मांग में आई तेजी
यूक्रेन के खिलाफ स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन शुरू करने के बाद पश्चिमी देशों ने रूस (Russia Ukraine War) पर अनेक पाबंदियां लगा दी हैं. जिससे उसके गेहूं निर्यात का रास्ता लगभग बंद हो गया है. वहीं जंग में बुरी तरह बर्बाद हो चुका यूक्रेन भी अब गेहूं (Wheat) निर्यात की स्थिति में नहीं रहा है. ऐसे में दुनिया में एकदम से 100 टन गेहूं की कमी हो गई है. जिसके चलते दुनिया में गेहूं की कीमतें (Price of Wheat) बढ़ने लगी हैं और भारत समेत गेहूं उगाने वाले दूसरे देशों के किसानों के लिए अवसर के नए मौके खुल गए हैं.
किसानों को MSP से ज्यादा मिल रही कीमतें
रूस-यूक्रेन वार (Russia Ukraine Crisis) के चलते अमेरिका जैसे गेहूं निर्यातक देश में गेहूं की कीमत (Price of Wheat) 3 मार्च तक 2,1000 से 22,000 रुपए टन थी. वहीं 7 मार्च को गेहूं की कीमत प्रति टन (10 क्विंटल) 40,212 रुपए पहुंच गई. भारतीय मूल्य में देखें तो कीमत 2,500 से 4,000 रुपए प्रति क्विंटल रही. अमेरिका ही नहीं ऑस्ट्रेलिया, अजेंटीना, कनाडा जैसे देशों में भी गेहूं (Wheat) की कीमत में भारी इजाफा हुआ है.
आने वाले 3-4 महीने तक बढ़ती रहेगी कीमतें
भारत में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2,015 रुपए प्रति क्विंटल है. मध्य प्रदेश की खंडवा, हरदा जैसी मंडियों में गेहूं की कीमत एमएसपी से ऊपर चल रही है. वहां पर किसानों को रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से गेहूं का 2700 से 3000 रुपये तक मिल रहा है, जो MSP से कहीं ज्यादा है. मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में भी गेहूं (Wheat) की कीमत 2,200 रुपए प्रति क्विंटल से 3,000 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है.
माना जा रहा है कि रूस और यूक्रेन की जंग (Russia Ukraine War)अभी और भीषण रूप लेने वाली है, जिससे दुनिया में गेहूं (Wheat) के दामों में और तेजी आएगी. इससे गेहूं उगाने वाले किसानों को सीधे तौर पर और फायदा होने वाला है.
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