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महाराष्ट्र में विरार के कोविड अस्पताल में लगी आग, 13 संक्रमित मरीजों की गई जान

मुंबई: महाराष्ट्र के पालघर जिले में विरार के एक कोविड अस्पताल में आज तड़के आग लगने से बड़ा हादसा हो गया है. विरार पश्चिम में विजय वल्लभ अस्पताल के आईसीयू में भयंकर आग लग गई. वसई विरार नगर निगम ने बताया, इस हादसे में 13 मरीजों की मौत हो गई. 17 कोविड मरीजों का यहां इलाज चल रहा था. घायल मरीजों को नजदीक के दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कराया गया है. ये आग चार मंजिला अस्पताल की दूसरी मंजिल पर लगी. फायर बिग्रेड की 10 गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पा लिया है.

विजय वल्लभ कोविड अस्पताल के अधिकारी दिलीप शाह ने कहा, ‘रात 3 बजे AC में से अचानक आग नीचे गिरी. ICU में आग लगने से 13 मरीजों की मौत हुई है. गंभीर मरीजो को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया है.’ महाराष्ट्र के मुख्यमंक्षी उद्धव ठाकरे ने विजय वल्लभ कोविड अस्पताल में आग लगने की घटना की जांच के आदेश दिए हैं. वहीं महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘ये बहुत दुखद घटना है, इसकी जांच होगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी. बाकी मरीजों का दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया जा रहा है. मैंने मुख्यमंत्री से बात की, उन्होंने साफ आदेश दिए हैं कि दोषी पाए जाने वाले किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.’ 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के पालघर में कोविड अस्पताल में आग लगने की घटना पर दुख जताया. पीएम ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने को अपनी मंजूरी दी है.

नासिक के अस्पताल में ऑक्सीजन रिसाव के कारण 24 मरीजों की मौत
दो दिन पहले ही महाराष्ट्र में नासिक के एक अस्पताल में ऑक्सीजन रिसाव की घटना के कारण 24 मरीजों की मौत हो गई थी. कुछ तकनीकी कारणों से ऑक्सीजन का रिसाव हुआ और इसकी सप्लाई रुकने से वेंटीलेटर बेड पर रखे गए मरीजों ने ऑक्सीजन की कमी के कारण दम तोड़ दिया. जब यह घटना घटी, तब अस्पताल में करीब 150 मरीजों का ऑक्सीजन बेड पर अन्य दो दर्जन से अधिक रोगियों का वेंटिलेटर बेड पर इलाज चल रहा था.

लोगों की मौत के बाद स्तब्ध परिजनों ने नागरिक अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. एनएमसी नगर आयुक्त कैलाश जाधव ने इस घटना की जांच का आदेश दिया है और सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है. यह त्रासदी भाजपा के नियंत्रण वाले नासिक नगर निगम द्वारा संचालित डॉ. जाकिर हुसैन अस्पताल में हुई, जो कि सबसे बड़े नागरिक निकायों में से एक है. नासिक राज्य में सबसे खराब कोविड-19 हॉटस्पॉट में से एक है.

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