भुखमरी से बचने के लिए अपने बच्चों को बेच रहे अफगान परिवार,अफगानिस्तान के हालात लगातार हो रहे खराब
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अफगानिस्तान के हालात लगातार खराब हो रहे हैं। इसको लेकर संयुक्त राष्ट्र की कई रिपोर्ट अब तक आ चुकी हैं, जिनमें वहां के हालातों पर चिंता जताई गई है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट में भी इसको लेकर चिंता जताई गई है। इसमें यहां तक कहा गया है कि आने वाले दिनों में वहां की आधी से अधिक आबादी पर खाने का संकट पैदा हो सकता है। ये तस्वीरें जहां कागजों पर बदत्तर हो रही हैं वहीं हकीकत में हालात इनसे भी अधिक खराब हैं। यहां की कड़वी सच्चाई ये भी है कि अफगान परिवार दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए अपनी बच्चियों को बेच रहे हैं।
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फाहिमा इन्हीं में से एक है, जिसने अपनी दो बच्चियों को बेचने पर मजबूर होना पड़ा है। इसको याद करते हुए उसकी आंखों से आंसू रुकते नहीं हैं। अपने पति के कहने पर उसको ये कदम उठाना पड़ा। उसके पति का कहना था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो हम सभी भूख की वजह से खत्म हो जाएंगे। फाहिमा ने अपनी जिन दो बच्चियों को बेचा है उनमें एक महज छह वर्ष ही है जबकि दूसरी केवल 18 माह की है। फाहिमा ने बताया कि इस तरह के हालात यहां पर मौजूद हजारों लोगों के सामने हैं।
इसमें एक खास बात ये भी है कि जिसने इन दोनों बच्चियों को अपने लड़के से शादी के लिए खरीदा है उसने इन बच्चियों की पूरी कीमत भी नहीं चुकाई है। फाहिमा ने बताया है कि उसने कुछ ही पैसे दिए हैं बाकी पैसे किश्तों में कुछ वर्षों में देने की बात कही है। अफगानिस्तान में इस तरह की बच्चियों की कीमत 3350 डालर और छोटी बच्चियों के लिए 2800 डालर दिए जा रहे हैं।
आपको बता दें कि अफगानिस्तान में चाइल्ड मैरिज की परंपरा काफी पुरानी है। लेकिन वर्षों तक चले युद्ध, हिंसा, ने यहां के हालातों को और खराब करने का काम किया है। इसके अलावा जलवायु परिवर्तन का भी असर यहां पर दिखाई दे रहा है। सूखा पड़ने की वजह से भी चीजें खराब हुई हैं। गरीबी ने कई परिवारों को वो सब करने को मजबूर किया है जो उन्होंने कभी नहीं सोचा था।
फाहिमा ने बताया कि जिसने उनकी बच्चियों को खरीदा है उसने इस बारे में काफी मोल-भाव किया था। इसके बावजूद भी एकमुश्त रकम उसके हाथों में नहीं दी। वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने सोमवार को ही आगाह किया था कि देश की करीब सवा दो करोड़ की आबादी भुखमरी की गर्त में जा सकती है। यूएन एजेंसी ने नवंबर में यहांं पर खाने के गंभीर संकट की आशंका की तरफ ध्यान दिलाया है।
फाहिमा ने ये भी बताया है कि जिस दुकान से उसका खाने पीने का सामान आता था उसने उधार अधिक होने की वजह से सामान देना बंद कर दिया था। दुकानदार ने ये भी धमकी दी थी कि यदि पैसे नहीं चुकाए गए तो उन सभी को जेल में बंद करवा देगा। इस परेशानी से बचने के लिए उसने दुकानदार से इस सौदे के लिए मजबूर होना पड़ा था।
बता दें कि काला-ए-ना बादघिस प्रांत की राजधानी है, जहां पर सूखे की सबसे अधिक मार पड़ी है। यहां पर मौजूद कैंपों में रहने वाले अफगानी परिवारों का कहना है कि वर्ष 2018 के सूखे के बाद इस तरह की चीजें अधिक तेजी से बढ़ी हैं। इस बार बारिश न होने की वजह से इसमें और तेजी आई है।
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