National

भाजपा राज्य में सत्ता बरकरार रखने के लिए कर रही सभी प्रयास, जानें ..

कर्नाटक में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। अब इसमें चार महीने से भी कम समय बचा है। ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां लोगों को रिझाने में जुट गईं हैं। भाजपा भी राज्य में सत्ता बरकरार रखने के लिए सभी प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा लोगों को अपनी पार्टी के पक्ष में करने के लिए राज्य में दौरे और प्रचार कर रहे हैं।

मल्लिकार्जुन खड़गे का गृह राज्य है कर्नाटक

कहा जा रहा है कि बीजेपी ने एक रणनीति बनाई है। जिसके तहत पार्टी के नेता राज्य के वोक्कालिगा और लिंगायत वोटरों को रिझाएंगे। दूसरी ओर, कांग्रेस भी चुनाव की जोरदार तैयारी कर रही है क्योंकि कर्नाटक पार्टी के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का गृह राज्य है। इसके अलावा, वोक्कालिगा समुदाय के समर्थन से राज्य की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाली पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की पार्टी, जनता दल (सेक्युलर) भी इस चुनाव के लिए अपनी रणनीति तैयार कर रही है।

जेडीएस के वोट बैंक को आकर्षित करने की कोशिश में BJP

वहीं बीजेपी, जेडीएस के वोट बैंक वोक्कालिगा समुदाय के मतों को अपनी ओर खींचने की पुरजोर कोशिश कर रही है। अभी तक भगवा पार्टी का पूरा फोकस लिंगायत समुदाय पर था। राज्य में 36 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति के लिए और 15 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। ऐसे में दलित और आदिवासी मतदाता चुनाव में निर्णायक भूमिका में होंगे।

येदियुरप्पा पर भरोसा

इसे देखते हुए बीजेपी इन दोनों तबकों के वोटरों से संपर्क कर रही है और उन्हें अपनी सरकार की उपलब्धियों के बारे में बता रही है। इसके अलावा, पार्टी को भरोसा है कि कांग्रेस व जेडी-एस के बीच मुस्लिम वोटों के बंटने से उसको फायदा होगा। बीजेपी राज्य में इस चुनाव के लिए अपने सबसे लोकप्रिय चेहरे बीएस येदियुरप्पा पर भरोसा करने जा रही है।

2008 के विधानसभा चुनावों में भाजपा की बड़ी जीत

कर्नाटक दक्षिण भारत का पहला राज्य है, जहां 2008 के विधानसभा चुनावों में बड़ी जीत के साथ भाजपा सत्ता में आई। तब येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री के रूप में पद ग्रहण किया। हालांकि, वह उस समय अपने खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण कार्यकाल पूरा नहीं कर सके।

2011 में भाजपा को उनकी जगह पर सदानंद गौड़ा को बैठाना पड़ा। हालांकि, 2013 के विधानसभा चुनावों से लगभग दस महीने पहले, आलाकमान ने पार्टी में उथल-पुथल व मतभेदों के चलते जगदीश शेट्टार को राज्य का सीएम बना दिया। इस फेरबदल के बावजूद 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा।

भाजपा में येदियुरप्पा की जगह बोम्मई को बनाया मुख्यमंत्री

वहीं, अब येदियुरप्पा के राजनीतिक कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2019 में जब BJP को राज्य में फिर से सरकार बनाने का मौका मिला तो पार्टी ने उन्हें सीएम नामित किया। लेकिन 2021 में चुनावी रणनीति के तहत पार्टी ने येदियुरप्पा की जगह बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया।

बाद में येदियुरप्पा के राजनीतिक प्रभाव को देखते हुए उन्हें राज्य में बीजेपी संसदीय बोर्ड के सर्वोच्च और सबसे शक्तिशाली निर्णय लेने वाले निकाय का सदस्य बनाया गया।

बहुमत से चुनाव जीतने का लक्ष्य

बीजेपी का लक्ष्य आरक्षण कोटा सहित अन्य मुद्दों की मदद से अपने दम पर राज्य में बहुमत से जीतना है। नड्डा ने शनिवार को नगथन विधानसभा क्षेत्र में ‘विजय संकल्प अभियान’ यात्रा को हरी झंडी दिखाकर पार्टी के अभियान की शुरुआत की। इसके जरिए भाजपा घर-घर जाएगी और लोगों से जुड़ेगी।

पार्टी की योजना राज्य के सभी बूथों पर संगठन को मजबूत करने की है ताकि आने वाले चुनाव में इसका फायदा मिल सके। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी जल्द ही एक कैंपेन कमेटी का गठन करेगी। जिसमें राज्य के तमाम बड़े नेताओं को शामिल किया जाएगा ताकि आपस में चल रहे मतभेदों को कम किया जा सके।

Related Articles

Back to top button