बीबीसी डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने भी लगाए ये आरोप..
बीबीसी की डॉक्युमेंट्री विवादों के घेरे में है। इसे लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने आरोप लगाया है कि यह डॉक्युमेंट्री एक टूलकिट है, जो भारत के लोगों में झूठ और प्रोपेगेंडा फैला रही है। RSS की मैगजीन पाञ्चजन्य के आने वाले संस्करण की कवर स्टोरी में उल्लेख किया गया है कि कैंब्रिज एनालिटिका स्कैंडल के बाद बीबीसी फिर से प्रोपेगेंडा फैला रही है।
विदेश मंत्रालय ने भी कही थी प्रोपेगेंडा की बात
बता दें कि विदेश मंत्रालय ने भी इस डॉक्युमेंट्री को लेकर कहा था कि यह औपनिवेशिक मानसिकता का सिंबल है। साथ ही कहा था कि डॉक्युमेंट्री एक प्रोपेगेंडा पीस है। बैन के बावजूद इस डॉक्युमेंट्री की कई जगहों पर स्क्रीनिंग हुई है। मंगलवार की रात JNU कैंपस में डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर विवाद हुआ था। इस दौरान छात्रों ने आरोप लगाए थे कि स्क्रीनिंग के दौरान उनपर पत्थरों से हमला हुआ था।
इन कॉलेजों में भी हुई थी स्क्रीनिंग
तिरुवनंतपुरम में डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग के लिए कांग्रेस और माकपा के युवा विंग डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI) द्वारा की गई दो अलग-अलग पहलों पर भी इसी तरह का तनाव था। इस बीच, फिल्म की स्क्रीनिंग गुरुवार शाम कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय में भी हुई और शुक्रवार को इसे प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय में भी दिखाया जाएगा।
गुरुवार को हैदराबाद विश्वविद्यालय में प्रतिद्वंद्वी समूहों ने डॉक्यूमेंट्री के साथ-साथ फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ भी दिखाई। इस बीच, केंद्र सरकार ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री सीरीज की निंदा करते हुए इसे एक बदनाम कहानी को आगे बढ़ाने के लिए दुष्प्रचार करार दिया है।
केंद्र सरकार लगा चुकी है प्रतिबंध
केंद्र सरकार इस डाक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर देशभर में प्रतिबंध लगा चुकी है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय इस डाक्युमेंट्री का लिंक शेयर करने वाले सभी सोशल मीडिया पोस्टों को ब्लॉक करने के आदेश दे चुकी है।
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