Biz & Expo

तीन साल में सबसे महंगा कच्चा तेल :अंतरराष्ट्रीय बाजार में 80 डॉलर प्रति बैरल के करीब पंहुचा

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें तीन साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। सोमवार को ब्रेंट क्रूड का भाव 80 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया, जबकि डब्ल्यूटीआई ने 75 डॉलर प्रति बैरल का भाव छू लिया।

दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं में गति के साथ ईंधन की मांग जोर पकड़ रही है। इससे कारोबार के दौरान ब्रेंट कूड के दाम 1.2 फीसदी बढ़कर 79.01 डॉलर प्रति बैरल रहे, जो अक्तूबर 2018 के बाद का सबसे ज्यादा भाव है। अमेरिकी कच्चा तेल डब्ल्यूटीआई भी 1.1 फीसदी महंगा होेकर 74.80 डॉलर प्रति बैरल के भाव पहुंच गया। दोनों ही ईंधन में लगातार पांचवें दिन उछाल दिखा है। तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक व अन्य सहयोगी देशों ने उत्पादन बढ़ाने की अपील से इनकार कर दिया था। उनका कहना है कि कोरोना के कारण निवेश पर असर पड़ा है, जिससे उत्पादन क्षमता प्रभावित हुई।

दिसंबर तक 90 डॉलर पहुंचेगा भाव
वैश्विक परामर्श फर्म गोल्डमैन सॉक्स का कहना है कि 2021 के अंत तक कच्चे तेल का भाव 10 डॉलर प्रति बैरल बढ़कर 90 डॉलर के आसपास पहुंच सकता है। सबसे बड़े आयात देशों भारत और चीन में आर्थिक गतिविधियां बढ़ने से ईंधन की खपत में लगातार उछाल आ रहा है। इसका असर वैश्विक मांग पर भी दिखेगा, जबकि उत्पादन में इजाफा नहीं होने से क्रूड के दाम बढ़ते जाएंगे।

बीपीसीएल एक लाख करोड़ का निवेश करेगी
निजीकरण की बाट जोह रही भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) अगले पांच साल में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कंपनी के चेयरमैन अरुण कुमार सिंह ने सोमवार को बताया कि इस राशि का इस्तेमाल पेट्रोरसायन उत्पादन क्षमता बढ़ाने, गैस कारोबार, हरित ऊर्जा और विपणन ढांचा मजबूत बनाने में किया जाएगा। साथ ही कंपनी को भविष्य के तैयार करने व इलेक्ट्रिक वाहन, हाइड्रोजन ईंधन और क्रूड से सीधे पेट्रोरसायन उत्पाद बनाने में इससे मदद मिलेगी। कंपनी हरित ऊर्जा क्षमता को 1,000 मेगावाट तक पहुंचाने का लक्ष्य लेकर चल रही है।

Related Articles

Back to top button
Event Services