टेरर फंडिंग के मामले में पटियाला हाउस की विशेष अदालत अदालत ने चार आतंकवादियों को दी 10 से 12 साल जेल की सजा
पटियाला हाउस की विशेष अदालत ने टेरर फंडिंग के जरिये भारत में आतंकी गतिविधि को अंजाम देने के मामले में दोषी पाए गए पाकिस्तानी आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) के चार आतंकियों को सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इनमें मुहम्मद सैफी शाह व मुजफ्फर अहमद डार को 12-12 साल और तालिब लाली व मुश्ताक अहमद लोन को 10-10 साल की कैद व जुर्माना सुनाया गया है। दोषियों ने 27 सितंबर को स्वयं पर लगे सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया था। विशेष न्यायाधीश परवीन सिंह की अदालत ने चार अक्टूबर को चारों को दोषी ठहराया था।
राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआइए) ने आरोप लगाया था कि हिजबुल मुजाहिदीन नियमित रूप से भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पड़ोसी देशों से धन प्राप्त कर रहा था। जम्मू कश्मीर प्रभावित राहत ट्रस्ट (जेकेएआरटी) की आड़ में हिजबुल सक्रिय रूप से शामिल है और आतंकी गतिविधियों को आगे बढ़ा रहा है। चारों दोषियों को आतंकी कृत्य के लिए धन जुटाने, साजिश रचने, आतंकी गिरोह या संगठन का सदस्य होने के अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया था।
इसके अलावा सभी को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के साथ ही भारतीय दंड संहिता के तहत भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने, युद्ध छेड़ने का प्रयास और युद्ध छेड़ने के लिए उकसाने के लिए भी दोषी ठहराया था। दोषियों में सैफी शाह और तालिब लाली जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले के रहने वाले हैं, जबकि डार बडगाम व अहमद लोन अनंतनाग जिले का रहने वाला है।
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