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जिम्बाब्वे दौरे के लिए बीसीसीआई ने तीन मैचों की वनडे सीरीज के लिए किया टीम का ऐलान…

जिम्बाब्वे दौरे के लिए बीसीसीआई ने शनिवार को तीन मैचों की वनडे सीरीज के लिए टीम का ऐलान कर दिया है। अनुभवी शिखर धवन को नियमित कप्तान रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में एक बार फिर वनडे टीम की कप्तानी सौंपी गई है। ऐसी रिपोर्ट सामने आईं थी कि इस दौरे से केएल राहुल वापस करने वाले थे और कप्तानी उन्हें मिलती, लेकिन फिटनेस की समस्या की वजह से अब वह एशिया कप में लौटेंगे। जसप्रीत बुमराह और विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों को आराम दिया गया है। वहीं दीपक चाहर लगभग 6 महीने बाद टीम में जगह बनाने में कामयाब हो गए हैं। वाशिंगटन सुंदर को भी मौका मिला है। राहुत त्रिपाठी को पहली बार वनडे टीम में जगह दी गई है। 

टीम में पांच तेज गेंदबाज हैं। शार्दुल ठाकुर, मोहम्मद सिराज, दीपक चाहर, प्रसिद्ध कृष्णा और आवेश खान। कुलदीप यादव, वाशिंगटन सुंदर और अक्षर पटेल स्पिनर हैं। संजू सैमसन और ईशान किशन के बीच बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज के स्थान के लिए टक्कर होगी। स्क्वाड में शिखर धवन, ऋतुराज गायकवाड़, शुभमन गिल और राहुल त्रिपाठी जैसे बल्लेबाज पहले ही हैं और ईशान किशन का भी नाम इसमें हैं, जोकि टॉप ऑर्डर में बल्लेबाजी करते हैं। 

टीम में पहले से मौजूद फ्रंटलाइन खिलाड़ियों की वजह से इसकी बहुत कम संभावना है कि आवेश खान और ईशान किशन जैसे खिलाड़ियों को मौका मिले। इन दोनों के वेस्टइंडीज के खिलाफ भी बहुत कम मौके दिये गए। आवेश एक मैच में खेले, लेकिन किशन बेंच पर ही रहे और आगे भी ऐसा ही कुछ होने की उम्मीद है। 
पूर्व पाकिस्तानी स्पिनर दानिश कनेरिया ने अवेश और इशान के टीम में चयन पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि क्या वे केवल बेंच पर आराम करने के लिए गए हैं।

उन्होंने कहा, “आवेश खान ने जो मौके मिले उसमें अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। मैं चयनकर्ताओं से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने उन्हें टीम में क्यों रखा। क्या उन्हें बेंच पर रहना है? क्या ईशान किशन भी सिर्फ बेंच को गर्म करने के लिए हैं?

अवेश पिछले कुछ समय से भारत की T20I टीम का हिस्सा हैं और उन्होंने पिछले हफ्ते क्वींस पार्क ओवल में दूसरे मैच में वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया। लेकिन आवेश ने इस मैच में काफी रन खर्च किए। उन्होंने छह ओवरों में 54 रन दिए।

उन्होंने आगे कहा, “भारत ने जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी जैसे सीनियर तेज गेंदबाजों को आराम दिया है। उमरान मलिक अपने शुरुआती मैचों में छाप नहीं छोड़ सके थे। लेकिन चयनकर्ताओं के लिए उसे एक और मौका देने का यह एक अच्छा मौका था।”

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