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जानें, कैसे आयुर्वेदिक उपायों की मदद से ठीक की जा सकती है PCOD की समस्या

PCOD 12-45 वर्ष के आयु वर्ग की लगभग 27% महिलाओं को प्रभावित करने वाली एक बहुत ही सामान्य स्थिति है। महिलाओं में दो अंडाशय होते हैं। इनमें हर महीने एक अंडा निकलता है जो बच्चेदानी में जाता है और अगर हर महीने अंडा निकला तो ठीक है सब कुछ सही चलेगा लेकिन अगर नहीं निकला, तो उसकी जगह पर छोटी-छोटी गांठे बनना शुरू हो जाती हैं। सिर्फ यही कारण नहीं है PCOD का, जब औरतों के शरीर में मर्दों का हॉर्मोन ‘टेस्टस्टरॉन’ बढ़ जाता है, तब भी ये दिक्कत होती है। इससे ओवरी से अंडे निकलने बंद हो जाते हैं. इस स्थिति या कंडीशन को ‘एनोवुलेशन’ यानी ओवुलेशन (अंडा निकलने की प्रक्रिया) ना होना कहते हैं।

आयुर्वेद में PCOD का इलाज

आयुर्वेद के अनुसार, नीचे बताए गए उपायों से PCOD को ठीक किया जा सकता है:

जिन महिलाओं को बार-बार मासिक धर्म आता है उनके लिए उपाय

100 ग्राम धनिया और 100 ग्राम आंवला लेकर दोनों को अच्छी तरह मिला लें। फिर एक छोटा चम्मच डेढ़ गिलास पानी में डाल दें और इसे धीमी आंच पर उबाल लें। जब पानी एक कप रह जाए तो इसे छानकर पी लें। इस उपाय को रोज सुबह खाली पेट और शाम को खाने से एक घंटे पहले लें। 

मासिक धर्म में देरी होने वाली महिलाओं के लिए उपाय

100 ग्राम अजवाइन और 100 ग्राम गाजर के बीज को पीसकर मिश्रण बना लें। इसका एक छोटा चम्मच और आधा गिलास पानी मिला लें और इसे धीमी आंच पर उबाल लें जब एक कप पानी कम हो जाए तो इसे छान लें। रोजाना सुबह खाली पेट और शाम को खाना खाने से एक घंटा पहले छाना हुआ पानी पिएं।

ल्यूकम कैप्सूल के रूप में उपलब्ध ल्यूकम PCOD से पीड़ित 90% महिलाओं में सकारात्मक नतीजे देने में कामयाब रहा है। यह हार्मोन्स को संतुलित करता है। पीरियड्स को नियमित करता है।

चांदी का प्रयोग करें- PCOD से बचने या इससे छुटकारा पाने के लिए चांदी के गिलास में पानी पिएं और चांदी का कोई भी आभूषण पहनें। क्योंकि चाँदी एक ठंडी धातु है जो महिलाओं को शांत रहने और रोगों को दूर में मदद करेगी।

यदि आप PCOD से पीड़ित हैं और इन आयुर्वेदिक उपचारों का भी पालन कर रहे हैं, तो ध्यान रखें कि आप अपने भोजन से समुद्री नमक और खट्टे भोजन को हटा दें और मिठाइयों  से बचें।

इसके अलावा अपने आहार में अधिक से अधिक फल, सब्जियां, साबुत अनाज, ब्राउन राइस और बीन्स शामिल करें। ज्यादा तनाव न लें। हाइड्रेटेड रहें। नियमित योग और व्यायाम करें।

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