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कोरोना पर टास्क फोर्स के प्रमुख ने दी यह सलाह ,कहा कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के खिलाफ असरहीन हो सकती है वैक्सीन

कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर विश्व भर में बढ़ रहे डर के माहौल के बीच नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पाल ने मंगलवार को कहा कि इस वैरिएंट के खिलाफ मौजूदा वैक्सीन असरहीन हो सकती हैं। वहीं, इसके प्रसार को रोकने के लिए ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देशों में बूस्टर डोज लगाई जा रही है। परंतु, भारत में अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं हो सका है।

कोरोना पर टास्क फोर्स के प्रमुख पाल ने उद्योग संगठन सीआइआइ की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि इसकी संभावना अधिक दिखाई दे रही है कि ओमिक्रोन के वैरिएंट के खिलाफ हमारी वैक्सीन असरहीन हो सकती है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इसको लेकर अभी तस्वीर साफ नहीं हुई है। ओमिक्रोन वैरिएंट बहुत तेजी से फैल रहा है। इसलिए यह जरूरी है कि हमारे पास वैक्सीन बनाने के लिए ऐसे प्लेटफार्म की सुविधा हो जिसकी मदद से वायरस के बदलते स्वरूप के मुताबिक कम समय में प्रभावी वैक्सीन तैयार की जा सके। उन्होंने कहा कि वैक्सीन का सार्वभौमिक कवरेज सरकार की पहली प्राथमिकता है ताकि हर किसी को टीका लगाया जा सके।

बता दें कि बूस्टर डोज देने पर निर्णय टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटागी) की सिफारिश पर किया जाना है। एनटागी इस दिशा में कोई निर्णय लेने के लिए कोरोना के ब्रेकथ्रू संक्रमण के आंकड़ों का आकलन कर रहा है। जब कोरोना रोधी वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके लोग संक्रमित होते हैं तो उसे ब्रेकथ्रू संक्रमण कहते हैं। बूस्टर डोज किसी वैक्सीन की दोनों डोज लगाने के नियत समय बाद दी जाती है। बूस्टर डोज और बच्चों के टीकाकरण पर निर्णय लेने के लिए एनटागी कि पिछले दिनों ही बैठक हुई थी। इसमें सभी पहलुओं पर चर्चा तो हुई थी, लेकिन कोई निर्णय नहीं लिया जा सका था।

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