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ई-श्रम कार्ड बनाया है तो भूलकर भी न करें ये गलती,बैंक खाता की सफाई कर रहे जालसाज

इस समय ई-श्रम कार्ड तेजी से बन रहे हैं। उत्तराखंड में 28 लाख से अधिक लोगों के ई-श्रम कार्ड बन चुके हैं। केंद्र सरकार की यह योजना का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के कामगारों को चिह्नित करना और उन्हें आर्थिक व दूसरे तरह की मदद पहुंचाना है। इस योजना को केंद्र सरकार की ओर से शुरू किया गया। जिसकी देखरेख श्रम मंत्रालय की तरफ से की जा रही है। ऐसे में अगर आप भी ई-श्रम कार्ड बनवाने जा रहे हैं, तो आपको कुछ बातों का ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि पैसे की जहां बात आती है वहां फ्राड होने की संभावना भी बढ़ जाती है। कुछ जरूरी सावधानी अपनाकर फ्राड से बचा जा सकता है

अनजान फोन काल से सावधान

लोग ई-श्रम कार्ड बनवा रहे हैं। देवभूमि जनसेवा केंद्रों के माध्यम से पंजीकरण हो रहे हैं। ऐसे में जालसाज भी काफी सक्रिय हो गए हैं। ये लोग फर्जीवाड़ा करने के लिए लोगों को ई-श्रम कार्ड के बहाने फोन काल कर रहे हैं। ऐसे फोन काल के माध्यम से उनकी बैंकिंग सेे संबंध‍ित जानकारी पूछी जाती है। ऐसे काल से सावधान रहने की जरूरत है।

आफर के लालच में न आएं

जालसाज लोगों को कई तरह के लालच देकर उनके मोबाइल पर कई तरह के लिंक्स भेज रहे हैं। इसके बाद आपको इस पर क्लिक करके अपनी गोपनीय जानकारियां भरने को कहा जाता है। सरकारी योजना का लाभ उठाने का लालच देकर भी ठगा जाता है। इसके बाद ये लोग आपका बैंक खाता तक खाली कर देते हैं। इसलिए इनसे बचकर रहें।

अनजान व्यक्ति को न दें दस्तावेज

अगर आप श्रम कार्ड बनवा रहे हैं, या बनता लिया है। ऐसे में आपको ध्यान देना है कि अपने दस्तावेज किसी भी अनजान व्यक्ति को न दिखाएं, और न ही दें। अगर आपसे कोई आपका आधार कार्ड या कार्ड बनने के बाद ई-श्रम कार्ड मांगता है, तो उसे ये न दें। महत्वपूर्ण दस्तावेजों से अहम जानकारी जुटाकर जालसाज फिर आपको ठग सकते हैं। यह जानता भी जरूरी है कि ई-श्रम कार्ड बनाने के लिए किसी तरह की धनराशि नहीं देनी होगी। जन सुविधा केंद्र को 30 से 40 रुपये का मामूली शुल्क देना होगा है।

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