आप जातने हैं कि आपके हाथों की उंगलियों की मदद से अपने व्यक्तित्व की पहचान कर सकते है..
हाथों की रेखाएं अक्सर हमारे भविष्य को दर्शाने में मदद करती हैं। लेकिन क्या आप जातने हैं कि आपके हाथों की उंगलियों की मदद से आप अपने व्यक्तित्व की पहचान कर सकते हैं। आपकी कनिष्ठा उंगली आपके स्वभाव को बताती है।
हमारा शरीर हमारे स्वास्थ्य के साथ ही हमारे व्यक्तित्व के बारे में भी काफी कुछ बताता है। सिर से लेकर पैर तक शरीर का हर एक हिस्सा हमारे बारे में बहुत कुछ दर्शाता है। अक्सर लोग अपना भविष्य या अपने जीवन के बारे में जानने के लिए हाथों की रेखाओं का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हाथों की रेखा ही नहीं बल्कि हमारे हाथों की उंगलियां भी हमारे बारे में काफी कुछ बताती हैं। इन उंगलियों से आप यह जान सकते हैं कि आप किस तरह के व्यक्ति हैं। उंगलियों की लंबाई से आप अपनी पर्सनालिटी के बारे में जान सकते हैं। तो चलिए जानते हैं क्या कहती हैं आपके हाथों की उंगलियां-
अगर अनामिका से लंबी है कनिष्ठा उंगली
जिस व्यक्ति की कनिष्ठा उंगली अनामिका से लंबी होती है यानी अगर कनिष्ठा उंगली अनामिका के पहले पोर से लंबी हो, तो ऐसे लोग बेहद संवेदनशील और भावुक होते हैं। ऐसा व्यक्ति लोगों को जरूरत से ज्यादा प्यार देता है। हालांकि, वह आसानी से दूसरों के विचार से प्रभावित नहीं होते हैं और किसी भी फैसले पर पहुंचने से पहले सोच-विचार का पूरा वक्त लेते हैं। अपनी इसी विशेषता की वजह से ऐसे लोग काफी आत्मविश्वासी और निडर होते हैं। ऐसे लोग अपने लक्ष्य के भी प्रति काफी समर्पित होते हैं। साथ ही इनके जीवन में लाइफ पार्टनर का भी काफी महत्व होता है, लेकिन कई बार अपनी बात को सही साबित करने के लिए यह लोग आक्रामक तक हो जाते हैं।
जब अनामिका से छोटी हो कनिष्ठा उंगली
अगर आपकी कनिष्ठा उंगली अनामिका के पहले पोर से छोटी है, तो आप एक बेहद अच्छे श्रोता साबित होते हैं। ऐसा व्यक्ति लोगों की जरूरतों और परेशानियों को ध्यान से सुनता है और इसका ख्याल भी रखता है। ऐसे लोग भावनाओं और तर्क दोनों को महत्व देते हैं। इन लोगों में माफ करने की प्रवृति भी होती है, लेकिन वह आसानी से किसी बात को भूलते नहीं हैं। यही वजह है कि जिस रिश्ते या हालात से उन्हें ठेस पहुंचती है, वह उससे दूरी बना लेते हैं। परोपकार करना ऐसे लोगों का स्वभाव होता है। हालांकि, यह लोग काफी सिद्धांतवादी भी होते हैं, जिसकी वजह से वह कभी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करते हैं।
अगर अनामिका और कनिष्ठा दोनों बराबर हों
जिन लोगों की कनिष्ठा की लंबाई अनामिका के पहले पोर के बराबर होती है, ऐसे लोग काफी संतुलित व्यक्तित्व वाले होते हैं। इसका मतलब यह है कि ऐसे लोग अपने रिश्तों और काम के बीच हमेशा संतुलन बनाएं रखते हैं। साथ ही इन लोगों का मन और चित काफी शांत होता है। इसके अलावा ऐसे लोग अपनी भावनाओं और विचारों पर बखूबी नियंत्रण रख पाते हैं। अक्सर शांत माहौल में समय व्यतीत करने के शौकीन यह लोग भीड़ में अपनी पहचान बनाने में सक्षम होते हैं।
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