अब सिर्फ 15 हजार रुपये में शुरू करें ये बिजनेस,कुछ ही महीने में होंगे 3 लाख के मालिक
अगर आप भी कम निवेश में अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो ये खबर आपके लिए ही है. इस बिजनेस में आपको पैसे भी कम लगाने पड़ेंगे और मुनाफा भी बढ़िया होगा. यहां आज आपको एक ऐसा बिजनेस आईडिया दे रहे हैं जिसे आप अपनी जॉब के साथ या घर बैठे भी कर सकते हैं. हम बात कर रहे हैं तुलसी (Basil Farming) की खेती के बिजनेस की. ये एक ऐसा बिजनेस है जिसे आप बहुत कम समय में कर सकते हैं और लाखों कमा सकते हैं. आइए जानते हैं इस बिजनेस से जुड़ी सभी जानकारियां.
तुलसी के पौधे का विशेष औषधीय महत्त्व बहुत ज्यादा होता है. इस पौधे की जड़ें, तना व पत्ती सहित सारे ही भाग ही दवाई बनाने के लिए बहुत उपयोगी होते हैं.आजकल तुलसी के पौधे का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाइयों में, यूनानी, होमियोपैथी तथा एलोपैथी की भी दवाइयों में किया जाता है. इसी वजह से मार्केट में तुलसी की डिमांड बढ़ रही है. लोग इम्यूनिटी पावर बढ़ाने के लिए तुलसी के पत्ते का इस्तेमाल करते हैं. साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक तथा प्राकृतिक दवाइयाँ भी जोरो शोरो से बनाई जा रही है, जिसमें भी तुलसी का बहुत प्रयोग किया जाता है.
तुलसी की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे ज्यादा बेहतर मानी जाती है. इसकी खेती के लिए सबसे पहले जून-जुलाई में बीजों के जरिए नर्सरी तैयार की जाती है. नर्सरी तैयार होने के बाद इसकी रोपाई की जाती है. सामान्य पौधों को 45x 45 सेंटीमीटर के अंतराल पर लगाना होता है, लेकिन RRLOC 12 व RRLOC 14 प्रजाति के पौधों के लिए 50 x 50 सेंटीमीटर की दूरी अवश्य रखनी चाहिए. इन पौधों को लगाने के बाद तुरंत ही थोड़ी सिंचाई जरूरी होती है. तुलसी की खेती के एक्सपर्ट बताते हैं कि फसल को काटने से 10 दिन पूर्व ही सिंचाई करना रोक देना चाहिए. तुलसी के पौधों की पत्तियां बड़ी होने पर इस पौधे की कटाई की जाती है.
तुलसी के पौधों को बेचने के लिए आप आप मंडी के एजेंट से संपर्क करके या सीधा मंडी में जाकर ग्राहकों से कांटेक्ट करके इन पौधों को बेच सकते हैं. इसके अलावा आप कॉन्ट्रेक्ट पर खेती कराने वाली दवाइयों की कंपनी अथवा ऐसी एजेंसियों को भी अपने पौधे बेच सकते हैं. इन कंपनियों को तुलसी की डिमांड ज्यादा रहती है, इसलिए आप को बेचने में दिक्कत नहीं आएगी.
आम तौर पर तुलसी को धार्मिक मामलों से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन मेडिसिनल गुण वाली तुलसी की खेती से कमाई की जा सकती है. तुलसी के कई प्रकार होते हैं, जिनमें यूजीनोल ओर मिथाइल सिनामेट होता है. इसका इस्तेमाल से कैंसर जैसी गंभी बीमारियों की दवाएं बनाई जाती है. एक हेक्टेयर खेत में तुलसी उगाने में सिर्फ 15,000 रुपये का खर्च आता है, लेकिन 3 महीने बाद ही यह फसल 3लाख रुपये तक फिर बिक जाती है.
बहुत-सी आयुर्वेदिक प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियों को तुलसी के पौधों की आवश्यकता पड़ती है इसलिए वे कॉन्ट्रैक्ट पर इसकी खेती करवाती हैं. तुलसी की खेती को पतंजलि, डाबर, वैद्यनाथ आदि आयुर्वेद दवाएं बनाने वाली कंपनियां कांट्रेक्ट फार्मिंग करा रही है. जो फसल को अपने माध्यम से ही खरीदती है. तुलसी के बीज और तेल का बड़ा बाजार है. हर दिन नए रेट पर तेल और तुलसी के बीज बेचे जाते हैं.
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