Uttar Pradesh

इनकम टैक्स विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी का मामला आया सामने

उत्तर प्रदेश के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री के पीआरओ बनकर इनकम टैक्स विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी का मामला सामने आया है। फर्जीवाड़ा करने वालों ने बेरोजगार युवकों को एसएससी और इनकम टैक्स विभाग की ओर से फर्जी नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिया था। लखनऊ पुलिस ने जब आरोपियों को पकड़ा तो इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। इस प्रकरण में अल्लापुर के रणजीत सिंह ने विनोद सिंह, लक्ष्मीकांत चतुर्वेदी और प्रियंका मिश्र के खिलाफ जार्जटाउन थाने में नौकरी के नाम पर ठगी और फर्जीवाड़ा करके 35 लाख रुपये हड़पने की रिपोर्ट दर्ज कराई है।

रणजीत सिंह ने पुलिस को बताया कि जौनपुर निवासी उनके रिश्तेदार विनोद सिंह ने फोन पर बताया था कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के पीआरओ लक्ष्मीकांत चतुर्वेदी से अच्छे संबंध हैं। विनोद ने अपने भांजे और साले की इनकम टैक्स विभाग में सहायक क्लर्क के पद पर नौकरी के लिए लिए 3.30 लाख रुपये एक कंडीडेट के हिसाब से रुपये दिया है। विनोद ने लक्ष्मीकांत से रणजीत की कॉन्फ्रेंसिंग करके बात कराई। प्रतापगढ़ निवासी लक्ष्मीकांत दिल्ली में रहता था। लक्ष्मीकांत ने रणजीत को बताया कि इनकम टैक्स की ज्वाइंट कमिश्नर प्रियंका मिश्र से उनका घरेलू संबंध है। इनकम टैक्स इंस्पेक्टर की नौकरी के लिए 10 लाख और सहायक क्लर्क के लिए साढ़े तीन लाख में सौदा हुआ। रणजीत ने अपने बेटे शिवा के लिए साढ़े तीन लाख रुपये, विनोद, लक्ष्मीकांत को छह लाख 70 हजार और सवा लाख रुपये प्रियंका को ऑनलाइन ट्रांसफर किया।

लक्ष्मीकान्त चतुर्वेदी ने रुपये मिलने के बाद कर्मचारी चयन आयोग का सर्टिफिकेट, नियुक्ति पत्र, आईकार्ड व अन्य कागजात जारी कर दिया। इसकी जानकारी होने पर रणजीत के रिश्तेदार नागेन्द्र प्रताप सिंह ने दस लाख, अशोक कुमार सिंह ने डेढ़ लाख, भोला नाथ सिंह ने चार लाख 80 हजार, गिरिजेश बहादुर सिंह ने दो लाख 40 हजार, देवेंद्र प्रताप सिंह व राहुल का पांच लाख 30 हजार रुपये जमा किए। इस बीच उनके साले बृजेश सिंह से 12 दिसंबर 2022 से पता चला कि हजरतगंज लखनऊ पुलिस ने इनकम टैक्स विभाग में नौकरी लगाने वाले लक्ष्मीकांत समेत अन्य को गिरफ्तार किया है। इसके बाद उन्हें ठगी की जानकारी हुई।

Related Articles

Back to top button