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लॉकडाउन और WFH ने शेयर मार्केट को दिए नए मार्केट मेकर्स ,करीब दो साल में दोगुने हुए डीमैट अकाउंट

पिछले करीब दो सालों में मार्केट और मार्केट मेकर्स ने जो हासिल किया है, वह पिछले दो दशकों के दौरान जितना हासिल किया था, उससे कहीं अधिक है। नवंबर 2021 तक डीमैट अकाउंट्स की संख्या दोगुनी से अधिक होकर 7.7 करोड़ हो गई है, जो मार्च 2019 में 3.6 करोड़ थी। सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने बुधवार को यह बात कही। जब से कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन लागू हुआ और वर्क फॉर्म होम कल्चर शुरू हुआ है, तब से लाखों युवा पहली बार निवेशक के रूप में बाजार में आए। इनमें से लगभग 75 प्रतिशत 30 से कम उम्र के निवेशक हैं।

सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने कहा, “ग्रोबल ट्रेंड के अनुरूप, हमने भी पूंजी बाजार में प्रवेश करने वाले व्यक्तिगत निवेशकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है। FY20 में हर महीने औसतन 4 लाख नए डीमैट खाते खोले गए, 2021 में यह संख्या तीन गुना बढ़कर 20 लाख प्रति माह हो गई और नवंबर 2021 में यह बढ़कर लगभग 29 लाख प्रति माह हो गई, जो कोरोना से पहले FY20 के मासिक औसत के 7 गुना से अधिक है।”

अजय त्यागी ने कहा, “संचयी डीमैट खाते जो मार्च 2019 तक 3.6 करोड़ थे, वह नवंबर 2021 के अंत तक 7.7 करोड़ हो गए। तो वास्तव में, बाजार ने बीते दो दशकों में जो हासिल किया था, वह पिछले ढाई साल में हासिल किया गया है।” त्यागी देश में निफ्टी इंडेक्स के 25 साल और डेरिवेटिव ट्रेडिंग के 20 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। बता दें कि निफ्टी 50 इंडेक्स 22 अप्रैल 1996 को लॉन्च किया गया था।

NSE के मुख्य कार्यकारी विक्रम लिमये ने कहा कि सूचकांक, जो 13 क्षेत्रों में 50 बड़े और तरल शेयरों का प्रतिनिधित्व करता है, पिछले 25 सालों में 15 गुना बढ़ गया है, जो 11.2 प्रतिशत का वार्षिक रिटर्न देता है।

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