ठग मौलवी शमशुल नें लोगों को ठग कर अर्जित की करोड़ों की संपत्ति, दर्ज हैं कई मुक़दमे
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यौनशोषण का भी आरोपी रहा है तथाकथित मौलवी शमशुल
इस महंगाई के दौर में लगभग 6 हज़ार रुपए प्रतिमाह आमदनी में परिवार सहित अपना जीवन यापन करना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन हो चुका है । लेकिन जौनपुर के रन्नोपुर निवासी मौलाना शमशुल ने नटवरलाली के दम पर इस नामुमकिन काम को मुमकिन कर दिया है। जी हाँ बरेली की आसफी मस्जिद का पेश इमाम शातिर जालसाज़ शमशुल का आज जहां किला छावनी जैसी महंगी जगह पर लगभग एक करोड़ रुपए की लागत का आलीशान मदरसा है तो वही दो आलीशान मकान भी बनवा रखें हैं। एक मकान मदरसे के पास ही बनाया गया है, जिसपर अभी भी निर्माण कार्य जारी है और दूसरा मकान बरेली विश्वविद्यालय के नज़दीक लिया गया है जिसको किराय पर उठा दिया गया है। बताते चलें कि जिस मकान को किराये पर उठाया गया है वो मकान गंगा परियोजना द्वारा लिया गया है। शातिर जालसाज़ शमशुल जो मकान तैयार करवा रहा है उसमें उन बेश क़ीमती पत्थरों का प्रयोग किया जा रहा है जिनका मध्यम वर्ग के लोग शायद इस्तेमाल भी न कर सकें। इस दौर में जहाँ मध्यम वर्ग के लोगों के पास एक भवन भी होना मुश्किल है वहीं इस मौलाना नुमा जालसाज़ के पास दो घर हैं। सूत्र बताते हैं कि इसने दूसरा भवन सरकार की उस स्कीम का लाभ लेकर हड़पा है जिसका पात्र वो नहीं है। दो भवनों का स्वामी होने के बाद भी इसके एक पुराने अपराधी मित्र जो मस्जिद के मुतवल्ली का भी क़रीबी है, उसने इसको इसके पूरे परिवार के साथ मस्जिद में ही रखवा दिया ज़ाहिर है आने वाले समय मे ये मौलवी अपने दूसरे भवन को भी किराये पर उठा कर मस्जिद के फ्री के घर को अपना बसेरा बनाए रहेगा।
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हालांकि इसकी संपत्ति और आय की जाँच हेतु एक पीड़ित ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवा दी है। सर पर सफेद अमामा दिमाग़ में ग़लत मनसूबे और दिल में शैतानी ताक़तों को पनाह देकर ये मौलवी अबतक सैकड़ों लोगों को ईरान और इराक़ में स्थित शिया संप्रदाय के तीर्थ स्थलों की यात्रा का प्रलोभन देकर लाखों रुपए का चूना लगा चुका है। जो दो लोग इससे अधिक पहुच रखते थे वो अपना बाकाया धन वापिस लेने में सफल हुए बाक़ी कुछ पीड़ितों ने इस जालसाज़ मौलवी के विरुद्ध एफआईआर कराइं हैं।
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जालसाज़ मौलवी जल्द होगा जेल की सलाखों के पीछे
एफआईआर के बाद अपनी गिरफ्तारी के भय से पहले तो ये बरेली से फरार हो गया था। फिर कुछ माह बाद इसने अपनी गिरफ्तारी के विरुद्ध अपने कुछ शातिर साथियों, जिनमें एक पुराना अपराधी है तो दूसरा वसीम मुर्तद का चमचा रहा है, जिसने एक वक़्फ़ में ज़मीन किराये पर लेकर बिना मुतवल्ली के संज्ञान में लाए और बिना शिया वक़्फ़ बोर्ड की आज्ञा के रातों रात चौहद्दी करवा ली थी। जिसे मुतवल्ली ने जबरन गिरवाया था। जबकि तीसरा वो साथी है जो एक वक़्फ़ को बेचकर लाखों रुपए हज़म कर चुका है। इन तीनों की मदद से कोर्ट से स्टे ले लिया और फिर बरेली आधमका। एक पीड़ित की सूचना के अनुसार पुलिस ने इसके मामले में चार्जशीट दाख़िल कर दी है और ये जालसाज़ जल्द जेल की सलाखों के पीछे होगा। इसका चेहरा बेनक़ाब करना इसलिए जरूरी है कि इस शातिर जालसाज़ के चंगुल में कोई और व्यक्ति न आ सके।
मदरसा बोर्ड से होगी मदरसे की जाँच
सूत्रों की मानें तो उक्त मदरसे के निर्माण को लगभग 3 वर्ष हो चुके हैं । उनके अनुसार न तो इसका रजिस्ट्रेशन है और न ही इसे मानकों के तहत बनाया गया है। इस मदरसे में कोई भी बच्चा इस्लामी शिक्षा ग्रहण करने नहीं आता है । जबकि इस मदरसे में अक्सर संदिग्ध लोगों का आना जाना बना रहता है। इलाके के लोगों ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि ये मदरसा नाम मात्र के लिये बनवाया गया है, दरअस्ल यहाँ आंतकवादी प्रवत्ति के लोग आ कर ठहरते हैं। इसके अलावा पीड़ितों ने बताया कि उन लोगों ने इस पूरे प्रकरण की लिखित जानकारी जहाँ मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ को भेजी है वहीं इस मामले की जाँच हेतु मदरसा बोर्ड से भी अनुरोध किया है। यही नहीं आय से अधिक संपत्ति मामले में भी आयकर आयुक्त से सूचना के अधिकार के तहत कुछ जानकारियां मांगी गईं हैं।
जालसाजी मामले में मौलाना के विरुद्ध दर्ज हैं चार मुक़दमे
बरेली से सेवानिवृत्त सब इंस्पेक्टर परवेज के मुताबिक इस जालसाज़ मौलवी शमशुल नें कई वर्ष पूर्व आसफी मस्जिद बरेली में कर्बला की ज़ियारत करवाए जाने का ऐलान किया था। इसने इमाम हुसैन के रोजे के दर्शन कराने हेतु लोगों से सिर्फ 45 हज़ार रुपए मांगे थे, जो रक्म इसने मांगी थी वो इतनी कम थी कि हर कोई जाने को तैयार हो गया था। सेवानिवृत्त एस.आई पीड़ित परवेज़ ने बताया की उन्होंने भी सोचा कि मैं अभी तक हजरत इमाम हुसैन के रौज़े के दर्शन नहीं कर सका हूं और सेवानिवृत्त भी हो गया हूं ,तो क्यों ना अपने इमाम के रोजे की जियारत कर ली जाए। लिहाजा उन्होंने तथाकथित मौलवी से मुलाकात की और उसको अपनी 2 मौसी, 7 मेंबर और स्वयं सहित अन्य खर्च मिलाकर कुल 4 लाख 95 हज़ार रुपये मौलाना के खाते में डाल दिया। मौलाना ने कर्बला ले जाने की जो तारीख दी थी उस तिथि के पूर्व जब उन्होंने मौलाना से बात की तो उसने कहाँ इस तारीख़ में नहीं जा सकेंगे और दूसरी तारीख दी, लेकिन वह दूसरी तारीख़ भी गुजर गई । इसी प्रकार यह तथाकथित मौलवी हम लोगों को मूर्ख बनाता रहा । आखिर में इस मौलाना ने परवेज़ से साफ तौर से कहा कि मैंने तुमसे कोई भी पैसा नहीं लिया, तुम जो चाहे मेरा कर लो। तथाकथित मौलवी ने परवेज़ से कहा कि मेरी पगड़ी और मेरे रुतबे से तुम अभी वाकिफ नहीं हो, तुम रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर होने के बावजूद मेरे विरुद्ध एफआईआर तक नहीं करवा सकते हो। यह सुनकर रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर परवेज़ ग़ुलाम रसूल को बहुत दुख हुआ और उन्होंने मुरादाबाद में तथाकथित मौलवी के विरुद्ध धारा 406 व धारा 420 के अंतर्गत
एफआईआर दर्ज कराई ।
परवेज नें बताया, जालसाज़ मौलवी नें सिर्फ हम लोगों का ही नहीं बल्कि लगभग 70 लोगों का पैसा हड़पा है। उन्होंने बताया कि जालसाज़ मौलवी ने सबका लाखों रुपया अपने axis Bank Account No. 1611721159 पर मंगाया था। जिसका एफआईआर में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है। उन्होंने बताया मौलवी शमशुल का एक बाक़ायदा गिरोह है जो इसी तरह से शरीफ लोगों को कर्बला की जियारत कराने के नाम पर उनसे लाखों रुपया लेकर उनको खा जाता हैं। उन्होंने बताया कि अब तक यह लोग मिलकर लगभग डेढ़ सौ लोगों को लाखों रुपए का चूना लगा चुके हैं। उन्होंने बताया कि इसके साथ शिकारपुर का रहने वाला एक और नटवरलाल मौलाना मक़ारिब शामिल है। उन्होंने बताया कि यह व्यक्ति पैसे के लिए हर जायज, नाजायज काम करने को तैयार रहता है। उन्होंने मिसाल देते हुए कहा कि वह तलाक़ जिसे मौलवी ही नहीं आम इन्सान भी होने से रोकता है, कोशिश करता है किसी भी हद तक पति और पत्नी में समझौता करवा कर तलाक का मुद्दा खत्म कराया जाए। वहीं यह मौलवी 5 से 10 हज़ार रुपए लेकर आसानी से तलाक़ कराकर घरों को तोड़ने का काम भी करता है। उन्होंने बताया, बरेली में एक महिला की तलाक़ इसने इसी तरह पढ़ाई और कुछ दिनों बाद पति और पत्नी ने आपस में समझौता करके अपना घर टूटने से बचा लिया और साथ रहने लगे। अब ऐसे मौलवी को क्या कहा जाए कि जो टूटे हुए रिश्तो को जोड़ने के बजाए उन्हें मामूली सी रकम लेने के बाद तोड़ने का काम करता है।
मौलाना पर लग चुका है यौन शोषण का आरोप
सूत्र बताते हैं की बरेली के बाजार संदल खा निवासी नासिर नामक व्यक्ति ने अपनी संपत्ति पर मौलाना शमशुल को मदरसा चलाने के लिए जगह दी थी। शुरू में तो मदरसे में लोगों ने अपने बच्चों को इस्लामी शिक्षा प्राप्त करने के लिए भेजना शुरू किया था लेकिन धीरे-धीरे बच्चे कम होने लगे। सूत्रों की माने तो यह जालसाज मौलवी बच्चों का यौन शोषण करता था। इस मामले में एक अभिभावक की शिकायत पर इसको थाने बुलाया गया था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही करने के बजाए उसे छोड़ दिया।
मोलवी शम्सुल थाने से छोड़े जाने के बाद पीड़ित के पास गया और उसको धमकाते हुए कहने लगा तुम मेरा कुछ नही बिगाड़ सकते मैने मोटी रकम देके पुलिस को खरीद लिया है, तथा धमकी दी कि अगर अब मेरे खिलाफ पुलिस से शिकायत की तो तुमको जेल भिजवा दूंगा। हालांकि इस घटना के बाद वह मदरसा बंद हो गया।
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