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जानिए कब खत्‍म हो रहा है खरमास, क्‍यों नहीं इस दौरान होते हैं शुभ काम …

14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा। मकर संक्रांति कही जाने वाली इस खास दिन के साथ खरमास समाप्त हो जाएगा। सूर्य अभी धनु राशि में है। खरमास की वजह से इस माह सभी तरह के मांगलिक कर्म वर्जित रहते हैं।

श्री महादेव गिरी संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक सूर्य जब गुरु की धनु या मीन राशि में रहता है तो उस समय को खरमास कहा जाता है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत में पंचदेव शिव, विष्णु, गणेश, देवी दुर्गा और सूर्य की विशेष पूजा की जाती है। खरमास के समय में सूर्यदेव देवगुरु बृहस्पति की सेवा में रहते हैं, इस वजह से वे मांगलिक कर्म में नहीं आ पाते हैं, इस कारण खरमास में मांगलिक कर्म नहीं किए जाते हैं।

सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए

खरमास में सूर्य देव की विशेष पूजा करनी चाहिए। रोज सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद तांबे के लोटे में जल भरें, चावल और फूल डालकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें। सूर्य को जल चढ़ाते समय ऊँ मित्राय नमः, ऊँ रवये नमः, ऊँ सूर्याय नमः, ऊँ भानवे नमः, ऊँ खगाय नमः, ऊँ पूष्णे नमः, ऊँ हिरण्यगर्भाय नमः, ऊँ आदित्याय नमः, ऊँ सवित्रे नमः, ऊँ अर्काय नमः, ऊँ भास्कराय नमः, ऊँ सूर्यनारायणाय नमः आदि का जाप करना चाहिए।

मंत्र जाप करना अतिशुभ

वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ गोपाल दत्त त्रिपाठी के मुताबिक, मंत्र जाप से धर्म लाभ के साथ ही स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं। मंत्र जाप से एकाग्रता बढ़ती है, आत्मविश्वास बढ़ता है। सूर्य को अर्घ्य देते समय पानी की जो धारा जमीन पर गिरती है, उस धारा में से सूर्यदेव के दर्शन करना चाहिए। ध्यान रखें सूर्य को सीधे देखने से बचना चाहिए। ऐसा करने से आंखों पर बुरा असर हो सकता है। अर्घ्य देने के बाद जमीन पर गिरे पानी को अपने माथे पर लगाना चाहिए।

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