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जनवरी से MMF, धागा और कपड़ा पर एक समान लगेगी जीएसटी दर

नई दिल्ली, वित्त मंत्रालय ने मानव निर्मित फाइबर (MMF), यार्न, कपड़े और परिधान पर एक समान 12 फीसद जीएसटी दर को अधिसूचित किया है, जिससे कि MMF कपड़ा मूल्य श्रृंखला में इनवर्टेड टैक्स ढांचे से संबंधित मामलों से निपटा जा सके। मौजूदा वक्त में MMF पर 18 फीसद , MMF यार्न पर 12 फीसद और MMF फैब्रिक पर 5 फीसद का कर लगता है। तैयार उत्पादों पर लगने वाले उच्च दरों पर इनपुट टैक्सेशन क्रेडिट से इन उत्पादों की लागतें महंगी हो जाती हैं। अलग अलग टैक्स लगने से MMF उद्योग के लिए जरूरी कार्यशील पूंजी में रुकावट देखने को मिल रही थी।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में राज्यों के वित्त मंत्रियों की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने 17 सितंबर को अपनी पिछली बैठक में यह फैसला किया था कि, 1 जनवरी, 2022 से कपड़ा क्षेत्र में इनवर्टेड टैक्स ढांचे से संबंधित मामलों को ठीक किया जाएगा। जीएसटी परिषद द्वारा लिए गए इस फैसले को लागू करने की दिशा में, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने 18 नवंबर को MMF, MMF यार्न और MMF फैब्रिक के लिए 12 फीसद GST दर को अधिसूचित किया था।

इस मामले पर विशेषज्ञों ने अपनी राय देते हुए यह कहा था कि, “हालांकि जीएसटी कानून में अनयूटिलाइज इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) को रिफंड के रूप में दावा करने का प्रावधान है, लेकिन इससे संबंधिक कई अन्य जटिलताएं भी थीं, जिसके चलते अनुपालन बोझ अधिक था। इनवर्टेड टैक्स ढांचां कपड़ा क्षेत्र के कराधान की दर में प्रभावी वृद्धि का कारण था। विश्व कपड़ा व्यापार MMF की ओर बढ़ रहा है, लेकिन भारत इस प्रवृत्ति का लाभ उठाने में सक्षम नहीं था। इसका MMF इनवर्टेड टैक्स ढांचे की व्यवस्था के चलते प्रभावित हो रहा था। टैक्स से संबंधित विसंगतियों को दूर करने से इस क्षेत्र को विकसित होने में अब और भी अधिक मदद मिल सकेगी।”

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